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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ૪૪ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भगवई - २५ /-/ ६ / ९१८ या होजा अणागारोवउत्ते वा होज्जा एवं जाय सिणाए । ७६८1-767 ( ११८) पुलाए णं भंते सकसायी होज्जा अकसायी होज्जा गोयमा सकसायी होजा नो अकसायी होज्जा जइ सकसायी होज्जा से णं भंते कतिसु कसाएसु होज्जा गोयमा चउसु कोहमाणमाया-लोभेसु होज्जा एवं बउसे वि एवं पडिसेवणाकुसीले वि कसायकुसीले णं पुच्छा गोयमा सकसायी होज्जा नो अकसायी होज्जा जइ सकसायी होज्जा से णं भंते कतिसु कसाएसु होजा गोयमा चउसु वा तिसु वा दोसु वा एंगम्मि वा होज्जा चउसु होमाणे चउसु संजलणकोह- माण- माया -लोभेसु जाति होमाणे संजणमाण - माया-लोभेसु होजा दोसु होमाणे संजलणमाया - लोभे होज्जा एमम्मि होमाणे संजलणलोधे होज्जा नियंठे णं- पुच्छा गोयमा नो सकसाची होज्जा अकसायी होजा जइ अकसायी होजा किं उववसंनकसायी होजा खीणकसायी होज्जा गोयमा उवसंतकावी वा होजा खीणकसायी वा होजा सिणाए एवं चेय नवरं-नो उवसंतकसायी होज्जा खीणकसायी होजा ७६९1-768 (९१९) पुलाए णं भंते किं सलेस्से होज्जा अलेस्से होज्जा गोचमा सलेस्से होजा नो अलेस्से होज्जा जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते कतिसु लेस्सासु होज्जा गोयमा तिसु विसुद्धलेस्सासु होजा तं जहातेउलेस्साए पम्हलेस्साए सुक्कलेस्साए एवं बज्सस्स वि एवं पडिसेवणाकुसीले वि कसायकुसीलेपुच्छा गोयमा सलेस्से होना नो अलेस्से होज्जा जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते कतिसु लेरसासु होजा मोचमा छसु लेस्सासु होजा तं जहा कण्हलेस्साए जाव सुक्कलेस्साए नियंठे णं भंते पुच्छा गोवमा सलेस्से होजा नो अलेस्से होजा जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते कतिसु लेस्सासु होजा गोयमा एक्काए सुक्कलेस्साए होजा सिणाए -पुच्छा गोयमा सलेस्से वा होज्जा अलेस्से या होज्जा जइ सलेस्से होजा से कतिसु लेस्सासु होज्जा गोयमा एगाए परमसुक्कलेस्साए होज्जा | ७७०1-769 ( ९२०) पुलाए णं भंते किं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा हीयमाणपरिणामे होज्जा अवट्ठियपरिणामे होज्जा गोयमा वड्ढमाणपरिणामे वा होज्जा हीयमाणपरियणामे वा होज्जा अवद्वियपरिणामे या होजा एवं जाव कसायकुसीले नियंठे णं- पुच्छा गोयमा वड्ढमाणपरिणामे होजा नो हीयमाणपरिणामे होज्जा अवट्ठियपरिणामे वा होज्जा एवं सिणाए वि पुलाए णं मंते केवतियं कालं वड्ढमाणपरिणामे होजा गोयमा जहणणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं केवतियं कालं हीयमाणपरिणामे होला गोयमा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतीमहुत्तं केवतियं कालं अवद्वियपरिणामे होजा गोयमा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं सत्त समया एवं जाव कसायकुसीले नियंठे णं भंते केवतियं कालं वड्ढमाणपरिमामे होना गोया जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कणं वि अंतोमुहुत्तं केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होला मोचमा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतोनुहुत्तं सिणाए णं भंते केवतियं कालं बड्ढमाणपरिणामे होज्जा गोयमा जहणेणं वि अंतोमुत्तं उक्कोसेणं वि अंतोमुहुत्तं केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा गोयमा जहां अंतमहुतं देसूणा पुव्वकोडी ७७91-770 ( ९२१) पुलाए णं भंते कति कम्मपगडीओ बंधति गोयमा आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ वंधति बउसे पुच्छा गोयमा सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए या सत्त बंधमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्भप्पगडीओ बंधति अट्ठ बंधमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्भप्पगडीओ बंधति एवं पडिसेवणाकुसीले वि कसायकुसीले पुच्छा गोयमा सत्तविहबंधए वा अद्भुविहबंधए वा For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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