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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सत-१२, उदेसो-४ अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ नव संखेजपएसिया खंधा एवंति अहवा दस संखेजपएसिया खंधा भवंति संखेजहा कामाणे संखेजा परमाणुपोग्गला भवंति। असंखेजा मंते परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति साहणित्ता किं भवइ गोयमा असंखेञ्जपएसिए खंधे भवइ से भिजमाणे दुहा वि जाब दसहा वि संखेचाहा वि असंखेनाहा वि कजइ-दुहा कजमाणे एगयओ दसपएसिए खंधे मवइ एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेज पएप्तिए खंधे मवइ एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेजपएसिए खंधे एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेज पएसिए खंधे एगयओ असंखेञ्जपएसिए खंधे भवइ अहवा दो असंखेज पएसिया खंधा भवंति तिहा कज़माणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगय ओ दसपएसिए खंधे एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहया एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ संखेजपएसिए खधे एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परपाणुपोग्गले एगयओ दो असंखेजपएसिया खंधा मयंति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो असंखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो असंखेजपएसिया खंधा भवंति एवं जाब अहया एगयओ संखेजपएसिए खंधे एगयओ दो असंखेजपएसिया खंधा भवंति अहया तिण्णि असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति चउहा कजमाने एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ एवं चउक्कसंजोगो जाव दसगसंजोगो एए जहेव संखेजपएसियस नयरं-असंखेज्जगं एगं अहिगं माणियव्वं जाव अहवा दस असंखेजपएसिया खंधा भवंति संखेज्जा कञ्जमाणे एगयओ संखेजा परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेजदुपएसिया खंधा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ एवं जाव अहवा एगयओ संखेजा दसपएसिया खंधा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे पवइ अहवा एगयओ संखेज्जा संखेजपएसिया खंधा एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवइ अहवा संखेजा असंखेञ्जपएसिया खंधा भवंति असंखेजहा कञमाणे असंखेना परमाणपोग्गला भवंति। __ अनंतं णं भंते परमाणुपोग्गला [एगयओ साहण्णंति साहणित्ता] किं भवई गोयमा अनंतपएसिए खंधे भवइसे भिज्जमाणे दुहा वितिहा विजावदसहा विसंखेजहा वि असंखेनहावि अनंतहा विकाइ-दुहा कन्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ अनंतपएसिएखंधे भवइ जाव अहवा दो अनंतपएसिया खंधा भवंति तिहा कत्रमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ अनंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ अनंतपएसिए खंधे भवइ जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ असंखेजपएसिए खंधे एगयओ अनंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा मयंति एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवाएगयओ संखेजपएसिए खंधे एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ असंखेजपएसिए खंधे एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवा तिण्णि अनंतपएसिया खंधा भवंति चउहा कजमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ अनंतपएसिए खंधे भवइ एवं चउक्कसंजो For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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