SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 164
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुमं सत • जोसो-२ १५५ पत्रत्ता गोयमा तिविहा पन्नता तं जहा-सम्मदंसणलद्धी मिच्छादसणलद्धी सम्मामिच्छादसणलद्धी चरित्तलद्धी णं भंते कतिदिहा पन्नत्ता गोयमा पंचविहा पन्नता तं जहा-सामाइयधरित्तलद्धी छेदोवट्ठावणियचरित्तलद्धी परिहारविसुद्धचरित्तलद्धी सुहमसंपरायचरित्तलद्धी अहक्खायचरित्तलद्धी, चरित्ताचरितलद्धी णं भंते कतिविहा पण्णत्ता गोयमा एगागारा पत्रता एवं जाव उवभोगलद्धी एगागारा पत्रता वीरियलद्धी गंभंते कतिविहा पन्नत्ता गोयमा तियिहा पनत्ता तं जहाबालवीरिय- लद्धी पंडियलीरियलद्धी बालपंडियवीरियलद्धी इंदियलद्धी णं भंते कतिविहा पत्रत्ता गोयमा पंचविहा पत्रता तं जहा-सोइंदियलद्धी जाव फार्सिदियलद्धी नाणलद्धिया णं मंते जीवा किं नाणी अण्णाणी गोयमा नाणी नो अण्णाणी अत्येगतिया दुन्नाणी एवं पंच नाणाई भयणाए तस्स अलद्धीया णं भंते जीवा किं नाणी अन्नाणी गोयमा नो नाणी अन्नाणी अत्येगतिया दुअन्नाणी तिण्णि अन्नाणा भयणाए आभिणिबोहियनाणलद्धिया णं मंते जीवा किं नाणी अण्णाणी गोयमा नाणी नो अण्णाणी अत्यंगतिया दुन्नाणी चत्तारि नाणाईमयणाए तस्स अलद्धियाणं भंते जीवा किं नाणी अण्णाणी गोयपा नाणी वि अण्णाणी वि जे नाणी ते नियमा एगनाणी केवलनाणी जे अण्णाणी ते अत्यंगतिया दुअण्णाणी तिष्णि अन्नाई भयणाए एवं सुयनाणलद्धिया दि तस्स अलद्धिया विजहा आपिणिवोहियनाणस्स अलद्धीया ओहिनाणलद्धियाणं पच्छा गोयमा नाणी नो अण्णाणी अत्येगतिया तिन्नाणी अत्यंगतिया चउनाणी जे तिन्नाणी ते आभिणिबोहियनामी सुयनाणी ओहिनाणी जे चउनाणी ते आपिणिबोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी मणपजवनाणी तस्स अलद्धियाणं पुच्छा गोयमा नाणी दि अन्नाणी वि एवं ओहिनाणवजाइं चत्तारि नाणाई तिण्णि अण्णाणाई-भयणाए मणपज्जवनाणलद्धियाणं पुच्छा गोयपा नाणी नो अन्नाणो अत्येगतिया तिन्नाणी अत्येगतिया चउनाणी जे तिन्नाणो ते आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी मणपञ्जवनाणी जे चउनाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी मणपजवनाणी तस्स अलद्धीयाणं पुच्छा गोयमा नाणी वि अन्नाणी वि मणपज्जवनाणवजाई चत्तारि नाणाई तिणि अन्नाणाई-मयणाए केवलनापलद्धिया णं भंते जीवा किं नाणीअन्नाणी गोयमानाणी नो अन्नाणी निचमा एगनाणी-केवलनाणी तस्स अलद्धियाणं पुच्छा गोयमा नाणी वि अन्नाणी वि केवलनाणवजाई वत्तारि नाणाई तिणि अन्नाणाई-भयणाए, अन्नाणलद्धियाणं पुच्छा गोयमा नो नाणी अण्णाणी तिण्णि अन्नाणाई भयणाए तस्स अलद्धियाणं पुच्छा गोयमा नाणी नो अण्णाणी पंच नाणाई भयणाए जहा अन्नाणस्स य लद्धिया अलद्धिया य भणिया एवं पइअन्नाणस्स सुयअनाणस्स य लद्धिया अलद्धिया य भाणियन्वा विमंगनाणलद्धियाणं तिष्णिअन्नाणाई नियमातस्स अलद्धियाणपंचनाणाइंभयणाएदोअन्नाणाइंनियमा दसणलद्धियाणं मंते जीवा किं नाणी अण्णाणी गोषमा नाणी वि अन्नाणी वि पंच नाणाई तिणि अन्नाणाई-भयणाए तस्स अलद्धिया णं भंते जीवा किं नाणी अण्णाणी गोयमा तस्स अलद्धिया नस्थि सम्मदंसणलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए तस्स अलद्धियाणं तिणि अन्नाणाई भयणाए मिच्छादसणलद्धियाणं तिणि अन्नाणामयणाएतस्स अलद्धियाणपंच नाणाईतिणिय अन्नाणाई-भयणाए सम्मामिच्छादसणलद्धिया अतद्धिया य जहा मिच्छादसणलद्धिया अलद्धिया तहेव भाणियब्बा, चरितलद्धिया णं भंते जीवा किं नाणी अण्णाणी गोयमा पंच नाणाई भयणाए तस्स अलद्धीयाणं मणपजवनाणवजाइं चत्तारि नाणाइं तिण्णि य अण्णाणाई-भयणाए सामाइ For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy