SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वायातीसइमो समवाओ ३३ सिद्ध [वुद्धे मुत्ते अंतगडे परिनिव्वुडे सब्बुदक्खप्पहीणे जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पञ्चस्थिमिल्ले चरिमंते एस णं वाचालीसं जोयणसहस्साई अवाहाते अंतरे पत्ते एवं चउद्दिसि पि दोभासे संखे दयसीमे व कालोए णं समुद्दे वायालीसं बंदा जोइंसु वा जोइंति वा जोइस्संति वा वायालीसं सूरिया पभासिंसु वा पभासिति वा पभासिरसंति वा संमुच्छिमभुयपरिसप्पाणं उक्कोसेणं चायालीसं वाससहस्साई ठिई प. नामे णं कम्मे वाचालीसविहे पन्नत्ते तं जहा-गइनामे जातिनामे सरीरनामे सरीरं-गोवंगनामे सरीरवंधणनागे सरीरसंघावणनामे संपवणनामे संठाणनामे वण्णनामे गंधनामे रसनामे फासनामे अगरुचल बनामे उवधायनामे पराधायनामे आणुपुचीनामे उस्सासनामे आतवनामे उजोवनागे बिहागइनामे तसनामे धावरनामे सुहुमनामे वायरनामे पजतनामे अपनत्तनामे साधारणसरीरनामे पत्तेयसरीरनामे थिरनामे अधिरनामे सुभनामे असुमनामे सुभगनामे दूभगनाम सुरसरनामे दुासरनामे आएननामे अणाएजनामे जसोकित्तिनामे अजसोकित्ति नामे निम्पाणनामे तित्थकरनामे लवणे गं समहे वायालीसं नागसाहस्सीओ अभितारयं बलं धारेति महा लियाए णं विमाणपविभतीए वितिए वग्गे वाचालीसं उद्देसणकाला पन्नता एगमेगाए ओसप्पिगीए पंचमछट्ठीओ समाओ यावालीसं वाससहस्साई कालेणं प. एगमेगाए उस्सप्पिणीए पढमदीयाओ समाओ वायालीसं वाससहस्साइं कालेणं पन्नत्ताओ १४२। -42 . बायालीसइमो समवाओ समत्तो . तेयालीसइमो-समवाओ । (११९) तेयालीसं कमविवागज्झयणा पत्रत्ता पढपचउत्थपंचमासु-तीसु पुढवीसु तेयालीसं निरयावाससयसहस्सा पत्रत्ता जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स पुरथिमिलाओ चरिमंताओ गोधूपस्य णं आवास पव्वपारा पुरथिमिले चरितमंते एस णं तेयालीसं जोयणसहस्साई अवाहाए अंतरे प. एवं वउद्दिसिपि दओभासे संखे दयसीमे महालियए णं विमाणपविभत्तीए ततिये धागे तेयालीसं उद्देशणकाला पत्रत्ता ।४३1-43 .तेयालीसइमो समवाओ समत्तो . | चोयालीसइमो-समवाओ (१२०) चोयालीसं अन्झयणा इसिभासिया दियलोगचुयाभासिया पन्नता विमलस्स णं अरहतो चोयालीसं पुरिसजुगाइं अणुपट्टि सिद्धाइं वुद्धाई मुत्ताई अंतगडाइं परिनिव्वुयाई सव्यदक्ख ] प्पहीणा धरणस्स णं नागिंदस्स नागरण्णो चोयालीसं भवणावाससयसहस्सा पन्नता महालियाए बिमाणपविभत्तीए चउत्थे वागे चोयालीसं उद्देसणकाला प. ४४|-44 पोयालीसइमो समवाओ समतो . पणयालीसइमो-समवाओ (१२१) समयखेते णं पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं पत्रत्ते सीमंतए णं नरए पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविखंभेणं पन्नत्ते एवं उविपाणे पत्रत्ते ईसिपम्भारा णं पुढवी पत्रत्ता एवं चेव धम्मे णं अरहा पणयालीसं धणूई उड्ढं उच्चतेणं होत्था For Private And Personal Use Only
SR No.009730
Book TitleAgam 04 Samavao Angsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages82
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 04, & agam_samvayang
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy