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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चरत्थं ठाणं - उद्देसो-४ ८७ नो विजयाइता चत्तारि मेहा पन्नत्ता तं जहा-वासित्ता नाममेगे नो विजुयाइत्ता विजयाइत्ता नाममेगे नो वासित्ता एगे वासित्तावि विजयइत्तावि एगे नो वासित्ता नो विजुयाइत्ता एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-वासित्ता नाममेगे नो विजुयाइत्ता विजुयाइत्ता नाममेगे नो वासिता एगे वासित्तावि विजुयाइत्तावि एगे नो वासित्ता नो विद्भुयाइत्ता चत्तारि मेहा पन्नता तं जहा कालवासी नाममेगे नो अकालवासी अकालवासी नाममेगे नो कालवासी एगे कालवासीवि अकालवासीवि एगे नो कालवासी नो अकालवासी एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-कालवासी नाममेगे नो अकालवासी अकालवासी नाममेगे नो कालवासी एगे कालवासीवि अकालवासीवि एगे नो कालवासी नो अकालवासी चत्तारि मेहा पन्नता तं जहा-खेत्तवासी नाममेगे नो अखेत्तवासी अखेत्तवासी नाममेगे नो खेत्तवासी एगे खेत्तवार्सीवि अखेत्तवासीवि एगे नो खेतवासी नो अखेतवासी एयामेव चत्तारि पुरिस- जाया पन्नता तं जहा-खेतवासी नाममेगे नो अखेत्तवासी अखेतवासी नाममेगे नो खेतवासी एगे खेत्तवासीवि अखेत्तवासीवि एगे नो खेत्तवासी नो अखेतवासी चत्तारि मेहा पन्नता तं जहा-जणइत्ता नाममेगे नो निम्मवइत्ता निप्पवइत्ता नाममेगे नो जणइत्ता एगे जणइतावि निम्पवइत्तावि एगे नो जणइत्ता नो निम्मवइत्ता एवामेव चत्तारि अम्मपियरो पन्नत्ता तं जहा जणइत्ता नाममेगे नो निम्मचइत्ता निम्मवइत्ता नाममेगे नो जणइता एगे जणइत्तावि निम्मवइत्तावि एगे नो जणइता नो निम्मवइत्ता चत्तारि मेहा पन्नत्ता तं जहा-देसवासी नाममेगे नो सव्ववासी सव्ववासी नाममेगे नो देसवासी एगे देसवासीवि सब्बवासीवि एगे नो देसवासी नो सब्बवासी एवामेव चत्तारि रायाणो पन्नत्ता तं जहा देसाधिवती नाममेगे नो सव्वाधिवती सव्याधिवती नाममेगे नो देसाधिवती एगे देसाधिवावि सव्वाधिवतीवि एगे नो देसाधिवती नो सव्वाधिवति १३४६। -346 (३६९) चत्तारि मेहा पन्नता तं जहा-पुक्खलसंवट्टते पञ्जपणे जीमूते जिम्मे पुक्खलसंवट्टए णं महानेहे एगणं वासेणं दसवालसहस्साई भावेति पञ्जपणे णं महामेहे एगेणं वासेणं दसवाससयाई भावेति जीमूते णं महामेहे एगेणं वासेणं दसवासाई भावेति जिम्मे णं महामेहे यहूहिं वासेहिं एग वासं भावेति वा न वा भावेति ।३४७[-347 (३७०) चत्तारि करंडगा पन्नता तं जहा-सोवागकरंडए वेसियाकरंडए गाहावतिकरंडए रायकरंडए एवामेव चन्तारि आयरिवा पन्नत्ता तं जहा-सोवागकरेंडगसमाणे वेसियाकरंडगसमाणे गाहावतिकरंडगसमामे रायकरंडगसमाणे ।३४८1-348 (३७१) चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता तं जहा-साले नाममेगे सालपरियाए साले नाममेगे एरंडपरियाए एंडे नाममेगे सालपरियाए एरंडे नाममेगे एरंडपरियाए एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा-साले नाममेगे सालपरियाए साले नाममेगे एरंडपरियाए एरंडे नाममेगे सालपरियाए एरंडे नाममेगे एडपरियाए चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता तं जहा-साले नाममेगे सालपरिवारे साले नाममेगे एरंडपरिवारे एरंडे नाममेगे सालपरिवारे एरंडे नाममेगे एएंड-परिवारे एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नता तं जहा-साले नाममेगे सालपरिवारे साले नाममेगे एरंडपरिवारे एंडे नाममंगे सालपरिवारे एएंडे नाममेगे एरंडपरिवारे ।३४९-१1-349-1 For Private And Personal Use Only
SR No.009729
Book TitleAgam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 03, & agam_sthanang
File Size3 MB
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