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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चउत्तं ठाणं - उद्देसा-३ संपण्णे एगे कुलसंपण्णेवि सीलसंपण्णेवि एगे नो कुलसंपण्णे नो सीलसंपण्णे चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-कुलसंपण्णे नाममेगे नो चरित्तसंपण्णे चरित्तसंपण्णे नाममेगे नो कुलसंपग्णे एगे कुलसंपण्णेवि चरित्तसंपण्णेवि एगे नो कुलसंपण्णे नो चरितसंपण्णे चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- वलसंपणे नाममेगे नो रूवसंपण्णे स्वसंपण्णे नाममेगे नो वलसंपण्णे एगे वलसंपण्णेवि स्वसंपण्णेवि एगे नो वलसंपण्णे नो रूवसंपण्णे चत्तारि परिसजाया पनत्ता तं जहा बलसंपण्णे नाममेगे नो सुयसंपण्णे सुयसंपण्णे नारमेगे नो बलसंपण्णे एगे वलसंपण्णेवि सुयसंपण्णेवि एगे नो बलसंपण्णे नो सुयसंपण्णे चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-वलसंपण्णे नामपेगे नो सीलसंपण्णे सीलसंपण्णे नाममेगे नो वलसंपण्णे एगे वलसंपण्णेवि सीलरांपण्णेवि एगे नो बलसंपण्णे नो सीलसंपण्णे चत्तारि पुरिसजाया पनत्ता तं जहा-वलसंपण्णे नाममेगे नो चरित्तसंपण्णे चरितसंपण्णे नाममेगे नो वलसंपण्णे एगे बलसंपण्णेवि चरित्तरांपण्णेवि एगे नो बलसंपण्णे नों चरित्तसंपण्णे चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा रूवसंपन्ने नागपेगे नो सुयसंपण्णे सुय. संपण्णे नाममेगे नो स्वसंपण्णे एगे स्वेसंपण्णेवि सुवसंपण्णेवि एगे नो रूवसंपण्णो नो सुयसंपण्ण चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-रूवसंपण्णे नाममेगे नो सीलसंपण्णे सील- संपण्णे नाममेगे नो रूवसंपण्णे एगे रुवसंपण्णेवि सीलसंपण्णेवि एगे नो रूवसंपण्णे नो सीलसंपण्णे वत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-रूवसंपण्णे नामगे नो चरित्तसंपण्णे चरित्तसंपण्णे नापमेगे नो रूवसंपण्णे एगे रूपसंपण्णेरि चरित्तसंपण्णेबि एगे नो रूवसंपण्णे नो चरित्तसंपण्णे चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा-सुयसंपण्णे नाममेगे नो सोलसंपण्णे सीलसंपणे नाममेगे नो सुवसंपण्णे एगे सुयसंपण्णेवि सीलसंपण्णेवि एगे नो सुरसंपण्णे नो सीलसंपण्णे चत्तारि पुरिसजावा पनत्ता तं जहा-सुयसंपण्णे नाममेगे नो चरितसंपण्णे चरितसंपण्णे नाममेगे नो सुयसंपण्णे एगे सुयसंपण्णेवि चरित्तसंपण्णेवि एगे नो सुयसंपण्णे नो चरित्तसंपण्णे बत्तारि पुरिसजावा पन्नत्ता तं जहा-सीलसंपण्णे नाममेगे नो चरित्तसंपण्णे चरित्तसंपण्णे नाममेगे नो सीलसंपण्णे एगे सीलसंपण्णेवि चरित्तसंपण्णेवि एगे नो सीलसंपण्णे नो चरित्तसंपण्णे चत्तारि फला पन्नता तं जहा-आमलगमहुरे मुद्दियामहुरे खीरमहुरे खंडमहुरे एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा-आमलगमहुरफलसमाणे मुद्दियामहरफलसमाणे खीरमहुरफलसमाणे खंडमहुरफलसमाणे चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-आतवेवावच्चकरे नापमेगे नो परवेयावचकरे परवेयावच्चकरे नाममेगे नो आतवेयावच्चकरे एगे आतवेयावच्चकरेवि परवेयावच्चकरेवि एगे नो आतवेयावच्चकरे नो परवेयावच्चकरे चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-करेति नाममेगे वेयावचं नो पडिच्छइ पडिच्छइ नाममेगे वेयावच्चं नो करेति एगे कोतिवि वेयावचं पडिच्छइवि एगे नो करेति वेयावच्चं नो पडिचछइ चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-अट्ठको नाममेगे नो माणको माणकरे नाममेगे नो अट्ठकरे एगे अट्ठकरेवि माणकरेवि एगे नो अट्ठकरे नो पाणकरे चत्तारि परिसजाया पन्नता तं जहा-गणटकरे नाममेगे नो माणकरे माणकरे नाममेगे नो गणटुकरे एगे गणट्टकरेवि माणकरेवि एगे नो गणट्टकरे नो माणकरे चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-गणसंगहकरे नाममेगे नो माणकरे माणकरे नाममेगे नो गणसंगहकरे एगे गणसंगहक For Private And Personal Use Only
SR No.009729
Book TitleAgam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 03, & agam_sthanang
File Size3 MB
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