SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 111
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आयारो - २/१२/-५०५ फलिहाणि वा उप्पलाणि वा पल्ललाणि वा उन्झराणि वा निज्झराणि वा वावीणि वा पोक्खराणि वा दीहियाणि वा गुंजालियाणि वा सराणि वा सागराणि वा सरपंतियाणि वा सरसरपंतियाणि वा अण्णवराई वा तहप्पगाराई विरूवरूवाइं रूवाई चक्खुदंसण-पडियाए नो अभिसंधारेज्जा गपणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहावेगइयाइ रुवाइं पासइ तं जहाकछाणि वा नूमाणि वा गहणाणि वा वणाणि वा वणदुग्गाणि वा पव्वयाणि वा पव्वदुग्गाणि वा अण्णयराई वा तहप्पगाराइं विरूवरूवाई रूवाइं चक्खुदंसण-पड़ियाए नो अभिसंधारेजा गमणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहावेगइयाई रूवाई पासइ तं जहा-गामाणि वा नगराणि वा निगमाणि या रायहाणीणि या आसम-पट्टण-सत्रिवेसाणि वा अण्णयराइं या तहप्पगाराई विरूवरूवाई रूवाइं चस्खुदंराण-पडियाए नो अभिसंधारेजा गमणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहावेगइयाई रूवाइ पासइ तं जहा-आरामाणि वा उजाणाणि वा वणाणि वा चणसंडाणि वा देवकुलाणि वा समाणि वा पवाणि वा अण्णयराई या तहप्पगाराई विरूवरूचाई रूवाई चक्नुदंसग पडियाए नो अभिसंधारेजा गपणाए से भिक्ख या भिक्खूणी वा अहावेगइयाई रूवाई पासइ तं जहा-अट्टाणि चा अट्टालवाणि वा चरियाणि वा दाराणि वा गोपुराणि वा अण्णवराई या तहप्पगाराई चिरूवरूवाई रूवाई चक्खुदंसण-पडियाए नो अभिसंधारेजा मणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहावेगइयाई स्वाइं पासइ तं जहातिवाणि वा चक्का णि वा चन्चरामि या चमुहाणि या अण्णवराई वा तहपगाराई विरूवरूवाइं रूबाई चक्खुदंसण पडियाए नो अभिसंधारेजा गमणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहावेगइयाई रुवाई पासइ तं जहा-महिसट्ठाण-करणाणि वा वसभठ्ठाण-करणाणि वा अस्सट्ठाण-करणाणि या हत्यिहाण-करणाणि वा कुक्कु डट्ठाण-करणाणि वा मक्कडहाण करणाणि या तायट्ठाण करणाणि वा वट्टयट्ठाण करणाणि या तित्तिराण-करणाणि वा कबोयट्ठाण-करणामि वा कविजलट्ठाण करणाणि वा अण्णयराई वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई रूवाई चक्खुदंसण-पडियाए नो अभिसंधारेजा गमणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी या अहावेगइयाई रुवाई पासइ तं जहामहिस-जुद्धाणि वा वसभ-जुद्धामि वा अस्स-जुद्धाणि या हत्थि-जुद्राणि या कुक्क ड-जुद्धाणि वा मक्कड-जुद्धाणि वा लावय-जुद्धाणि या वट्टय-जुद्धाणि वा तित्तिर-जुखाणि वा कवोय-जुखाणि वा कविजल-जुद्धाणि वा अण्णयराइं वा तहप्पगाराई विरूवल्याई रुवाई चक्खुदंसण-पडियाए नो अभिसंधारेज्जा गमणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहाकाइयाई रुवाई पासइ तं जहा-जूहिच-ठाणाणि वा हयहिय-ट्ठाणाणि या गयजूहिय-ढाणाणि वा अण्णयराइं वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई रूवाई चक्खुदंसणपडियाए नो अभिसंधारेजा गमणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अहावेगइयाई रुवाई पासइ तं जहाअक्खाइ पट्ठाणणि वा माणुम्माणिय-ट्ठाणाणि वा महयाहय-नट्ट-गीय-वाइय-तंतिताल-ताल-तुडिय-पडुप्पवाइय-ट्ठाणाणि वा अण्णयराई वा तहप्पगाराई विरूवरूवाई रूवाई चक्खु- दंसण-पडियाए नो अभिसंधारेखा गमणाए से भिक्खू वा भिक्खुणी या अहावेगइयाई रूवाइं पासइ तं जहा-कलहाणि वा डिवाणि या डमराणि वा दोरजाणि वा बेरजाणि वा विरूद्धर जाणि वा अण्णायराई वा तहप्पगाराई विस्वरूवाई रूराई चक्खुदसण पडियाए नो अभिसंधारेजा गमणाए से भिक्खू वा भिक्षुणी या अहावेगइयाई रूवाइं पासइ तं जहा-सुष्ट्रिय For Private And Personal Use Only
SR No.009727
Book TitleAgam 01 Ayaro Angsutt 01 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages130
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 01, & agam_acharang
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy