SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 394
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री ममल पाहुड़ जी अचष्य रमन सुइ अलष रमन जिनु, अचष्य अगम सम सिद्धि जयं ॥ ॥ सुइ लक्ष्य लक्ष्य चालीस रमन जिनु, सुइ दर्स दर्स सुइ उवन अवहि निहि, जय कोडि कोडि सुइ उवन जिनं । सुइ गुपित उवन जिनु मुक्ति जयं ॥ ॥ सुइ उवन उवन सुइ प्रिये कमल जिनु, सुइ अवहि उवन निहि दर्स रमन दिहि, सुइ गुपित रमन कर्न कमल जिनं । दिसि अंग दर्स सुइ मुक्ति जयं ॥ ॥ सुड़ चष्य उवन जिनु अचष्य रमन जिनु, सुइ कमल उवन जिनु रमन नंत जिनु, सुइ अवहि उवन निहि उवन जिनं । सुइ केवल दर्सन मुक्ति जयं ॥ ॥ जय विमल विमल सुड़ ममल रमन जिनु, जय ममल पयं पय परम पयं । सुइ परम परम पय परम कमल जिनु, सुइ केवल परम सु सिद्धि जयं ॥ ॥ २६ ॥ जिन. ॥ २७ ॥ जिन. ॥ २८ ॥ जिन. ॥ २९ ॥ जिन. ॥ ३० ॥ जिन. ॥ ३९४ सुइ न्यान न्यान सुइ दर्स रमन जिनु, सुइ न्यान दर्स पय पयं जिनं । पय पयोग उवन सुइ उवन रमन जिनु, सुइ रमन पयोग जिन जिनय जिनं ॥ ॥ सुइ उवन उवन जिन श्रेनि उवन जिनु, श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी सुइ कलन कलिय जिन चरन चरं । जिन चरन रमन तत्काल रमन जिनु, जिन श्रेनि कलन सुइ सिद्धि जयं ॥ ॥ जय तारन तरन उव रमन परम जिनु, जय उवन कमल सुइ रमन जिनं । सुइ उवन जिनय जिनु उवन रमन जिनु, सह समय उवन जिनु सिद्धि जयं ॥ ॥ (१३६) न्यानास्टक फूलना गाथा २८२७ से २८३५ तक (विषय आठ ज्ञान) उव उवन उवन उव उवन जिनैया, उव उवन सहावे कलि कलन कलैया । चरि चरन चरिय उव चरन चरैया, ३१ ॥ जिन. ॥ ३२ ॥ जिन. ॥ ३३ ॥ जिन. ॥ चरि कलन उवन जिनु मुक्ति मिलैया ॥ १ ॥
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy