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________________ પૃષ્ઠ 238 286 54 007 810 850 322 280 162 302 અહો શ્રુતજ્ઞાનમ ગ્રંથ જીર્ણોદ્ધાર- સંવત ૨૦૬૫ (ઈ. ૨૦૦૯- સેટ નં-૧ ક્રમાંક પુસ્તકનું નામ કર્તા-ટીકાકાસંપાદક 001 | श्री नंदीसूत्र अवचूरी पू. विक्रमसूरिजीम.सा. 002 | श्री उत्तराध्ययन सूत्र चूर्णी पू. जिनदासगणिचूर्णीकार । | 003 श्री अर्हद्रीता-भगवद्गीता पू. मेघविजयजी गणिम.सा. 004 श्री अर्हच्चूडामणिसारसटीकः पू. भद्रबाहुस्वामीम.सा. 005 | श्री यूक्ति प्रकाशसूत्रं | पू. पद्मसागरजी गणिम.सा. 006 | श्री मानतुङ्गशास्त्रम् | पू. मानतुंगविजयजीम.सा. अपराजितपृच्छा | श्री बी. भट्टाचार्य 008 शिल्पस्मृति वास्तु विद्यायाम् | श्री नंदलाल चुनिलालसोमपुरा 009 शिल्परत्नम्भाग-१ | श्रीकुमार के. सभात्सवशास्त्री 010 | शिल्परत्नम्भाग-२ | श्रीकुमार के. सभात्सवशास्त्री 011 प्रासादतिलक श्री प्रभाशंकर ओघडभाई 012 | काश्यशिल्पम् श्री विनायक गणेश आपटे 013 प्रासादमञ्जरी श्री प्रभाशंकर ओघडभाई 014 | राजवल्लभ याने शिल्पशास्त्र श्री नारायण भारतीगोसाई 015 शिल्पदीपक | श्री गंगाधरजी प्रणीत | वास्तुसार श्री प्रभाशंकर ओघडभाई 017 दीपार्णव उत्तरार्ध | श्री प्रभाशंकर ओघडभाई જિનપ્રાસાદમાર્તડ શ્રી નંદલાલ ચુનીલાલ સોમપુરા | जैन ग्रंथावली | श्री जैन श्वेताम्बरकोन्फ्रन्स 020 હીરકલશ જૈનજ્યોતિષ શ્રી હિમ્મતરામમહાશંકર જાની न्यायप्रवेशः भाग-१ | श्री आनंदशंकर बी.ध्रुव 022 | दीपार्णवपूर्वार्ध श्री प्रभाशंकर ओघडभाई 023 अनेकान्तजयपताकाख्यं भाग पू. मुनिचंद्रसूरिजीम.सा. | अनेकान्तजयपताकाख्यं भाग२ | श्री एच. आर. कापडीआ 025 | प्राकृतव्याकरणभाषांतर सह श्री बेचरदास जीवराजदोशी तत्पोपप्लवसिंहः | श्री जयराशी भट्ट बी. भट्टाचार्य | 027 शक्तिवादादर्शः श्री सुदर्शनाचार्यशास्त्री 156 352 120 88 110 018 498 019 502 454 021 226 640 452 024 500 454 188 026 214
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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