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________________ [ जैन धातु प्रतिमा लेख २१७ संवत १५८० वर्षे वैषाख वदि ४ गुरौ श्रीउसवालझाती सा० साहुशाखायां पारिखि (! पारिख) गोगे पा. शिवकर भार्या वाल्ही पु० परिखि जागमालेन झब्बू पत्र धीग सोमासिंहादि कुटुम्बयुतेन स्व श्रेयसे श्रीश्रीपार्षनाथबिम्ब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरगच्छे श्रीजिन हँससुरिभिः ।। मंगलपुरवास्तव्यः ॥ २६८ सम्वत १५८० वर्षे वैशाख सुदि ५ शुक्रे श्री श्रीमालज्ञातीय श्रे गोरा भा. प्रेमी सुतेन श्री वीकाकेन भा. वईजलदे पुत्र भोजा प्रमुख कुटुम्बयतेन श्रीचन्द्रप्रभुस्वामिबिम्ब कारितं प्र. पिप्पलगच्छे श्रीधर्म निमलसुरिभिः । २६८ संवत १५८१ स० मु० पदतमे.......दीपाक.......। ३०० संवत १५६१ वर्षे वैषाख वदि २ सोमे श्रीश्रीमालज्ञातीय मंः रत्ना भा. वानू भा० बनी जवा जागना कुटुम्बयुतेनस्वश्रेया श्रीअजितनाथविम्बं कारितं वृद्धतपागच्छे श्रीधनरलसुरिभिः । भगड़वाल वास्तच्यः॥ २६७ गणेशमल सौभाग्यमल मन्दिर, झवेरी बाजार बम्बई। २६८ गोडी पार्श्वनाथ मन्दिर पायधुनि बम्बई । २६६ आदिनाथ मन्दिर नया, भाजीमण्डी नागपुर म०प्र० ३०० आदि जिनमन्दिर भायखला बम्बई । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009681
Book TitleJain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year1950
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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