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________________ जैन-धात प्रतिमा लेख (१७) संवत् १५२८ वर्षे वैषाख मासे श्रीप्राग्वाटजातीय परि मूला भा माल्हरण दे पत्राः प० वीरा राजा बद्रजा एतैः स्वमातुःश्रेयसे श्रीविमलनाथ वित्र का प्रति० श्रीकृष्धतपापो श्रीउदयवल्लभ मूरिभिः ।। (१७) संवत् १५२१ वर्षे माघ शु. १३ प्राग्वाटज्ञा० पर्वत भार्या खेपु पत्र म० पापाकेन भा० आसल दे पुत्री वाम पुत्रस्वकुटुम्बयुतेन श्रायुगादिदेवबिंचं स्वश्रयसे का०प्र० तपा रत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मी सागरसूरिभिः । श्र सोमदेवसूरियुतेः अहमदाबादनगरे । (१८०) संवत् १५२१ वष वैपान सु० ३ प्राग्वाटज्ञातीय स्व (?) कडूआ भा० होमादे पु० स्व० भटाकेन भा० वारु सुपत्र खेता, जयता, पाता वधू धनी व छिणि हनुपाउ तोला क का कुटुम्बयु नस्वश्रयसे श्रीवादपूज्य व तुर्विशनिपट्ट कारिनः प्र० तपागच्छे श्रीरत्नशेखरसृरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। डोडाणा ग्रामे ॥ (१८१ ) सं० १५२१ ज्येष्ठ शु० ४ मंडुपदुर्गे पाग्वाट(ज्ञा) स० अर्जन भा० टक्कू सु० सा० वम्ता भार्या गजी सुत स० चांदा भा० जीविरिण नाम्या पुत्र स० लींवा आकाहि (दि) युतया मातुः श्रेयसे श्रीधर्मनाथ चतुर्विशतिपट्टः का• तपापो श्री लक्ष्मीसागरसूरिभिः ।। १७८. जैन मंदिर लालबाग बंबई १७६. गणेशमल सौभाग्यमल जैनमंदिर बंबई १८०. जैनमंदिर चालीसगांव (खानदेश) १८१. जैन मंदिर पांचोरा ( खानदेश) "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009681
Book TitleJain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year1950
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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