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________________ जैन-धातु प्रतिमा लेख सम्वत् १५१६ वर्षे कातिक बदि २ शनो श्रीमालवंशे मा० अञ्जन भा० आल्हण दे पुत्र संहाटा सुश्रावकेण भार्या दिवलदे ( यहां पर अतीव सुन्दर चित्र अंकिन है) पुत्र माला, बाला, सहितेन श्रीअंचलगच्छगरु अ.जयकेसरिसरीणामुपदेशेन श्रीआदिनाथविम्ब कारित ५० श्रोसंधेन ॥ ( १५%) __ संवत् १५१६ वर्ष आपाढ़ सुदि ३ रवौ महतीयाणज्ञातीय आंधा गोत्रे सा० फंग भार्या अरधू पुत्र सा० भ पुकेन भार्या श्रम पुत्र मा० कुंअरपाल युतेन श्रीमुनिमुत्रनम्बामिबिम्ब का प्रश्न खरतर. गच्छे श्रीजिनसुन्दरसूरिभिः ॥ संवन् १५१६ वर्षे पैसाख सुदि १३ करताकदिने गोबर चो. गोत्र महत्तीप्राण कलाल भार्या धर्मसी सुत श्री पासधर भा० चांपल दे. सुन नेमदासेन भा० गारवदेवो पुत्र उधरण तेजपाल, चम्पाल कुंअरपाल प्रमुख कटम्त्युतेन६अं यार्थ श्रीश्रीश्रीनेमिनार्थाबम्ब कारितं प्रनिष्ठितं श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनसागरसूरिभिःपट्टालंकार श्री जिनचन्द्रसूरिभिः। (१६०) मंवत् १५१६वष माग (? ध) सुदि उकेशवंशे रांकागोत्र श्रेारा० पु० आमाकन भार्या माझा चम; पुत्र हरपाल, थिरपाल, वधु रंगाई प्रमुखपरिवारसहितेन यार्थ अभिनन्दनविम्बं कारितं प्रतिष्ठित श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः॥ १५७. जैन मन्दिर धमतरी म. प्र. १५८. जैनमन्दिर बालाघाट , , १५६, चिन्तामणि पाश्वनाथ मन्दिर गुलाल बाड़ी बंबई १६०. जैन मन्दिर भायखला बंबई १६१. "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009681
Book TitleJain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year1950
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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