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________________ लेखांक २२५० २२१७ २२६३ २२६५ [२३] संवत् नाम लेखांक संवत् नाम | १३१४ धर्मघोष सूरि जिनमें गत्रों के नाम नहीं हैं । १३.४ तिलक सूरि ... सुधर्म स्वामि ... ... २११३, २१४४ यशोदेव सुरि १३८६ धर्मदेव सूरि स्थूलभद्र ११७१ अजितदेव (आ.) १३६० मलिरेण सूरि ... १२०८ जिनसिंह सूरि ... देव सरि ... १३६१ २१४७ १२६२ परमानंद सूरि अभयदेव सरि २२२३ देवेन्द्र सूरि १३६३ कातितिलक सूरि १३१३ अमरचंद्र सरि १३६४ रत्न सुरि ... १३२५ विजयप्रभ सूहि १४०५ हरिप्रभ सरि ... २२२७ १३३३ ......... सूरि १५२१ धर्मतिलक सूरि ... २३८७ १३४१ रामभद्र सूरि ... १३४३ श्रीसूरि १४२३ सिद्ध सूरि धतिलक सूरि ... १३४५ २२३५ १४८१ जयप्रभसूरि ... १३६१ २२५६ १४८६ १५६० हर्षतिलक सूरि २२७३ २३६० १५१६ जयभद्र सूरि १५३२ सावदेव सूरि ... १३४६ देवाचार्य २२३७ १५६२ गुणचंद्र सूरि ... १५५७ मुनिरत्न सूरि जय....... ... आनंदविमल सूरि १३४६ १५६१ ......... सुरि ... १३५२ श्री......... ... १६०६ विजयदेव सूरि ... १३५५ परनवंद्र सरि ... सोमविमल गणि ... १३६८ लक्ष्मीतिलक सूरि वर्णदत्त २२६८ २२७६ २२३३ २२७२ २२७६ २२६३ १३८५ २४५० २१७२ २३५२ २३६५ २४३३ । सोनम M २५९४ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009680
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages374
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size20 MB
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