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________________ [ १२७] श्मशान भूमि। शिलालेख । [2505] (१) ॥ ॐ ॥ श्रीपार्श्वनाथप्रसादात् । थंज प्रतिष्ठा करावणहारना नाम ॥ प्रशस्ति शषियबई । ऊकेशवंश बाजहड़गोत्रे । पूर्वई क्षत्रिय ।। (२) ॥ राठौडवंशे । विहां आस्थाम गजा। तिहन पुत्र धांधलादि १३ । धांधल नो पुत्र दिला तिहनो पुत्र रामदेव । तत्पुत्र काजलाते (३) ॥ संप्रति श्रेष्ठिनई पोल्ने थाप्यो । जिण श्रावकन धर्म श्रादस्य उ । तेह नइ अनुक्रमी ऊधरण दुवो। तेहनंठ पुत्र कुन्नधर । कुलधर पुत्र श्र (४) ॥ जित । अजित पुत्र सामंता । तेइनो पुत्र हेमराज । हेमराज पुत्र धारा तत्पुत्र माला मलयसिंह नाम ! माना पुत्र छिन । जूविन पुत्र । (५) ॥ कालू प्रधानः। चहुआण घडसा राजार राज्यनइ विष मंत्रीश्वर हुवो। रायपुर नगर माहे देहरउ काराव्यउ । तत्पनी सीलालंकार धा(६) रिणी । कर्मादे नामतः । तेहनि कुक्षि संभूत पांच पुत्र । रादे । बाहड नेणा । सोनपाल । नोडराजाः। श्ररघू नामी बहिन । तेह माहे सोनपा... (७) ॥ ल मंत्रीश्वर तेहनी नायर्या संग थाहरू तणी पुत्री । सहजलदे नामता पुत्ररस्त त्रयं प्रसूता। मंत्री सतोपान । तप्रिया चांगनदे। द्वितो. इस नंबर के लेख से लगायत न०२११२ तक के शिलालेख तालाब के पास के मसान में हैं। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009680
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages374
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size20 MB
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