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________________ [३] ११ जम्मो मन्वित उ ११ दिक्खा मजिस्स ११ नाणं महिस्स उ३ १४ जम्मो संजक्स्स उ १५ दिक्खा संजवस्स उश ॐ माघ वदि . ६ चवणं पलमप्पहस्स उ१ १५ जम्मो सीयलस्स उ १ १२ दिक्खा सीयलस्स उ १५ नाणं सिशंजवस्स उ २ ॐ पोष वदि । १० जम्मो पासनाहस्स. उ. ११ दिक्खा पासस्स ३ १५ जम्मो चंदप्पहस्स उ१ १३ दिक्खा चंदप्पहस्स उ १४ नाणं सीयलस्सल ॐ माघ सुदि ॥ ५ नाणं वासुपुज्जस्स उ १ २ जम्मो अजिनंदणस्स उ । ३ जम्मो धम्मस्स ३ जम्मो विमलस्स उ १ ५ दिक्खा विमलस्स उ - जम्मो अजियस्स उ १ ए दिक्खा अजियस्स १२ दिक्खा अभिनंदणस्त उ १ १३ दिक्खा धम्मनाहस्स उ २ ॐ पोष सुदि ॥ ६ नाणं विमखनाहस्स उ । ए नाणं संतिनाहस्स उ ५ ११(१४) नाणं अजिनंदणस्स उ ५ १४(११) नाणं अजियस्स उ ५ १५.नाणं धम्मनाइस्स ॐ फागुण वदि ॥ ६ नाणं सुपासस्स ७ नाणं चंदप्पहस्स उ. ३ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009680
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages374
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size20 MB
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