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________________ [1283] संवत् १५३० वर्षे माघ सुदि ध प्राण झा रादा मा आधू पु० सिरोही वासी सा मांगणेन जा माणिकदे पु० लषमादियुतेन श्री शांतिनाथ बिंबं कारितं तपा श्री सोमसुंदर सूरि सन्ताने श्री लक्ष्मीसागर सूरिजिः॥ [1284] संप १५३० वर्षे फाल्गुण सुदि ७ बुधे श्रीमान ज्ञातीय सा राना ना राजलदे लागेयर स्वश्रेयोर्थ श्री अंचलगडे श्री जयकेसरि सूरीणामुपदेशेन श्री सुमतिनाथ विवं कारितं प्रतिष्ठितं श्री संघेन ॥ [1285] ___ संवत् १५३५ वर्षे वैशाख सुदि १० शुके श्री उएसवंशे चएकालिया गोत्रे साग नेमा जाण मीमी पुत्र सा० सोहिल नार्या माईठी पुत्र सा पहिराज नार्या पाम्हणदे पुत्र सा० रत्नपाल सुश्रावकेण पितृव्य शाह नोपाल प्रमुख कुटुम्ब सहितेन पितुः श्रेयसे श्री सुविधिनाथ विंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्री मनधारि गच्छे श्री पुण्यनिधान सूरिनिः॥ पहिराज पुण्यार्थ ॥ [1288] संवत् १५३३ वर्षे चैत्र सुदि ४ शुक्रे ओसवंशे बावेल गोत्रे सा घेव्हा पुत्र शाखेता जा खेतश्री पुत्र शा० देदाकेन स्वपिता श्रेयसे श्री अजिनन्दन नाथ बिंबं कारित प्रतिष्ठितं श्री मलधारि गले श्री गुणसुन्दर सूरि पढे श्री गुणाननिधान सूरिनिः॥ [1287] संवत् १५३४ वर्षे ज्येष्ट शित १० दिने सोमे उपकेशवंशे कटारीय गोत्रे जापचा जार्या पाल्दणदे पुत्र सामरसिंह श्रीरकेण श्री श्रेयांस बिंब कारितं प्रति श्री परतरगडे श्री जिनचन्द्र सूरि पट्टे श्री जिनचन्ड सूरिनिः ॥ श्रेयसे ॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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