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________________ ( ४ ) पुत्र राजा नार्या साल्ही द्वितीय पुत्र पहाणी राजा सुता ही पजमदरा रतक्ष एतेषां प्रणमति ॥ [1253] संवत् १५०० वर्षे वैशाख सुदि ३ उपकेश ज्ञातीय आईरी गोत्रे सा खूणा पुत्र सा गिरिराज ना मुगुणादे पु० सोनाकेन गकुर देवात् श्री चन्प्रनस्वामि बिंब का उपकेश गो ककुदा प्र० श्री कक्क सूरिभिः ॥ [1254] संवत् १५८५ वर्षे वैशाख सुदि ए बुधे श्री ओसवंशे वृद्धशाखीय सा ढ़ता जा रंगादे पुत्र सा माका श्री सपतिनाथ विवं कारागितं श्री सासु सूरिलिः प्रतिष्टितं श्रीरस्तु श्रो अमदावाद वास्तव्य ॥ [1955] संवत् १५० वर्षे मार्गशिर सुदि दिने उपकेशवंशे साधुशाखायां सा० लाखमण सुत सा महिपाल सा वोल्हाख्यौ तत्र सा० महिपाल नार्या रूपी पुत्र तेजा सा वस्तान्यां पुत्रादि परिवारयुतान्यां स्वयोर्थ श्री पार्श्वनाथ विं कारितं श्री खरतर श्री जिनराज सूरि पट्टे श्री जिनन सूरि निः प्रतिष्टितं ॥ श्रीः ॥ [1250] संवत् १५० वर्षे माह सुदि ५ सोभे उपकेश झातो श्रेष्टि गोत्रे साग कूरसी पु० पासड़ ना जश्नलदे पुण् पारस जा पाइणदे पुत्र पदा परवतयुतेन पितृश्रेयसे श्री संभवनाथ बिवं कारितं उ० श्री ककुदाचार्य सन्ताने प्रतिष्टितं श्री कक्क सूरिनिः । [1257] संवत् १५० वर्षे माघ सुदि १० शनो श्रीमान् जाए मुठीया गोत्रे सा० पिउपाल पु० सोनाकेन आत्पश्रेय से आदिनाथ विंध कारितं प्रतिष्ठितं श्री खरतरगच्छे श्री जिनहिलक सूरिजिः॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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