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________________ ( १३ ) [1058 ] सं० १४५० वर्षे मगसिर बदि ६ वौ उपकेश झातीय सा० पाषण जा० षीमसिरि तयो श्रियार्थं सुत आहा ऊदा देवाकेन श्री वासुपूज्य बिम्बं पञ्चती० का० प्र० श्री नागेन्द्रगछे श्री रत्नसंघ सूरि पट्टे श्री देवगुप्त सूरिजिः । जारा सलवा श्रेयोर्थं ॥ श्री ॥ [ 1059] सं० १४५३ वर्षे वैशाष सुदि १ हुंवड़ झा० श्रे० देवड़ जा० चामल देवि पुत्र छापाकेन दापा जा० दलू पु० सु० पातल सुत जीला हुंबड़गष्ठी श्री सर्वानन्द सूरि प० श्री सिंहदत्त सूरिजिः । [1080] सं० १४५५ विणचट गोत्रे सा० तीपण जा० तिदुपश्री पु० मोषाटन आत्मपूर्वज निमित्तं प्रबिम्बं का० प्र० धर्मघोष गठे श्री सर्वान्द सूरिजिः । [ 1061 ] सं० १४५ षाढ सुदिप गुरौ प्रा० ज्ञा० व्यव० बाहड़ जाय मोखलो पुत्र त्रिजुवणा केन पित्रो श्रे० श्री पार्श्वनाथ विम्बं कारितं साधु पू० प० श्री धर्म तिलक सूरि उपदे० [1082] सं० १४६० वर्षे ज्येष्ठ वदि १३ खौ उकेश वंशे गाइडीया गोत्रे सा० देपाल पुत्र खाना जार्या जी मिपि श्रेयोर्थं श्री शांन्तिनाथ विम्बं कारितं प्रति० उपकेश गछे श्री देवगुप्त सूरिजिः ॥ [1063] सं० १४७२ वर्षे फाल्गुन वदि १ शुक्रे श्रीमाल संधे श्री पद्मनन्दि गुरु कुंवड़ ज्ञातीय व्य० पेड़ जार्या हीरादे सु० द्वय सारग सायर बध गोत्रे श्री आदिनाथ बिम् MEMBERS I [1064] ॥ सं० १४७३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १ शुक्रवारे वावेल गोत्रे नरवच पु० आल्दा पाल्दा मातृ पितृ श्रेयसे श्रीयादिनाथ बिम्बं कारापितं श्री धर्मघोष गछे श्री पद्मसिंह सूरिनिः ॥ ४ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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