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________________ ( ए) पाडीव-सिरोही। जैन मंदिर। पंचतीर्थी पर। [2001] सं० १५३६ वर्षे वैशाख सुदि ३ गुरौ श्रीमाली झातीय राउत नाप वाला पु देवा नाम सालयता सुत तेजा श्री विमलनाथ विंबं कारितं प्रतिष्ठितं आगम गछे अमरत्न सूरि गुरूपदेशेन करापितं प्राविधिना पत्तन वास्तव्य ॥ मडिया-सिरोही। जैन मंदिर। पंचतीर्थी पर। [2002] सं० १४७० वर्षे माघ सुदि २ गुरौ वाफणा गोत्रे साह बुंना सुत देपाल ना मेला दे पु जोगराज ना जसमादे श्री पार्श्वनाथ विवं कारितं प्रतिष्टितं उपकेश गठे श्री ककुदाचार्यानिधान प्र० देवगुप्त सूरिनि ॥ निंबज-सिरोही। जैन मंदिर। पंचतीर्थी पर। [2093] सं० १५०५ वर्षे वैशाख सुदि ३ गुरौ श्री नावहेड़ा गछे श्री कालिकाचार्य संताने उप. केश झातोय खांटेड गोत्रे साह लाला नाग : : : पुण् सामंत ना हांसल दे पु० नोपाल "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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