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________________ ( २७६ ) ( ७ ) दीरादेवी तथा श्री अजिनंदन जिनप्रजो प्रासाद (८) कारित स्वयं श्रीवृहत् खरतर गछे श्री जिनचंद सूरीश्वर (v) जी यादेशात् श्री शिवलाल मुनि प्रतिष्ठितम् ॥ श्री शुजम् ॥ 5555555555555959595 उथमण - सिरोही । जैन मंदिर | पब्बास के नीचे का लेख । [ 2079] ॥ सं० १२४३ वर्षे मादा सुदि १० बुधदिने नायकीय गछे जयमण चैत्ये घणेसर जा धारमती पु० देवधर जेसड थाल्दा पाल्दादि कुटुंब संयुते मातृ निमित्तं जलवटु करापितं ॥ 6666666666666666 रोहेड़ा - सिरोही । जैन मंदिर | पंचतीर्थयों पर | [ 2080] सं० १२३ वर्षे फागण सुदिप कोरंट गछे . जीला धर्मनाथ त्रिं कारितं प्रतिष्ठितं कक्क सूरिजिः ॥ सं० १३४१ वर्षे नायकिय गछे . महेन्द्रसूरिजिः ॥ [ 2081 ] चतुर्विंशतिष कारितं प्रतिष्ठितं जहारक "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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