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________________ ( श्५४ ) श्री पार्श्वनाथजी की बसी । पंचतीर्थी पर | [ 1998 } ॥ सं० १२०१ वर्षे आषाढ सुदि १० रवौ श्री देवाजिदित गछे श्री शील सूरि संताने मण पुत्रेण कनुदेवेन चातु सुजदेव श्रेयोर्थ आत्मश्रेयोर्थं च प्रतिमा कारिता । तपागल का उपासरा । पंचतीर्थयों पर । [1909] सं० १२७३ | गोसा चातृ जेजा जार्या हेमा पु० धणपाल जा० लाबल दे श्री संडेर गछे श्री यशोज [2000] सं० १४०४ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ उपकेश वंशे नोसतिकि ( ? ) शाखायां सामू वाल जा० मादण दे लाषाकेन चातृ पुंजा जा० मेला दे पितृ श्रे० शांतिनाथ चिंब कारितं प्र० श्री जयप्रन सूरिजिः । ॐ सं० १४९४ वैशाष वदि बुधे. [2001] ...... • श्रेयोर्थं प्रतिमा कारिता ॥ As.. *****? बिंबं कारितं श्री [2002] ॥ ॐ सं० १५२० वर्षे ज्येष्ठ सु० ५ शुक्रे ऊ० गूगलिया गोत्रे सा० सूरा जा० सुहमा दे हा निमित्तं श्री शीतलनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं सूरि संताने प्रतिष्ठितं श्री शालिनद्र सूरिजिः ॥ धातु की मूर्ति पर । ...... [2003] सं० २००२ आषाड़ सुदि १० श्री कृषजनाथ बिंबं का० दरषा लोत 1 "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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