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________________ (२२ कखकचा-बड़ाबजार । ॥ श्री धर्मनाथ स्वामी का पञ्चायति मन्दिर ॥ पत्थर परका लेख। 1 [87] श्री॥ सम्बत चंऽमुनि सिद्धि मेदिनी । १७७१ । प्रतिष्ठितं शाके रसवहि मुनि शशी १७३ए । संख्ये प्रवर्तमाने माघ मासे धवनषष्ठि तिथौ बुधबासरे श्री शांतिनाथ जिनेंडाणा प्रासादोयम् । श्री कलकत्ता नगर पास्तव्यः श्री समस्त सकेन कारितःप्रतिष्ठितः श्री खरतर गझेश जद्वारक श्री निनहर्ष सरिनिः । श्रीरस्तु ॥ - [88] धातुयों के मूर्तिपर। सम्बत ११९४ माघ सु० १४ पद्मप्रन सुत स्थिरदेव पत्नी रेवसिया श्रेयो ---- [0] सं० १२५ए वैशाख सु० ३ बुधे सौ जहड़ सुत सा बहुद्देव हीर जमान्यां मातृ राज श्री श्रेयो) श्री पार्श्वनाथ प्रतिमा कारिता प्रतिष्ठिता मलधारी श्री देवानन्द सरिनिः । - [20] सम्बत १३४५ बर्षे ज्येष्ठ सुदि १४ वर्षे प्राग्वाट जाति० महं० सादा सुत महाराजा श्रेयसे ससुत मह० मातहिवि श्री श्रादिनाथ विवं कारितं प्रतिष्ठापितं । 1 [01] सं० १३७५ प्राग्वाट ज्ञातीय श्रे० श्रामचं नायर्या रत्नादेवी पुत्र सहमा श्री शान्ति माथ का श्री हेमप्रज सरिनिः प्र महाहवाय ।
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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