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________________ (१६) मी तत्पुत्र सा० उदयचन्द जी तनार्या या थजयोजीकेन श्री पार्श्व प्रथम धार्यदिन्न गणधर पापुका कारापितं । J[[2] __ सं० १७३० वर्षे माघ शुक्ल ५ सोमे गांधी गोत्रे सा श्री कमल नयन जी तत्पुत्र साप श्ची उदयचंड जी तत्धर्मपत्नी बार अजयोजीकन श्री बासुपूज्य प्रथम सुजूम गणधर पाका काराप्ति। ___J [833 सं० १७६१ चैत्र शुक्ल पञ्चम्यां शनिवासरे चंछ कुलाधिप श्री जिनदत्त सूरीणां चरण स्थापनं श्री सदाग्रहण श्री जिनहर्प सूरीणामुपदेशात्प्रतिधितं ॥ ___) [64] धातुके मूर्तियोंपर। सं० १५१४ बर्षे बै० व०४ उके व्य० गोश्न्द ना राजू पुत्र नाथू नार्या रूपिणि जातृ-नाल्हा केन जार्या लीलू प्रमुख कुटुंब युतेन श्री श्रेयांसनाथ बिवं कारितं प्रतिष्टितं श्री सोमसुन्दर सूरिपट्टे श्री रत्नशेखर सूरि राज्येः ॥ कालधरी ॥ ) [65] सं० १५३० वर्षे चैत्र बदि ५ गुरू रजीयाण गोत्रे हुवड़ ज्ञातीय दोसी गकुर सी ना। नाश् इसी सुत दोसी वासाकेन हरपाल दासा पोगा युतेन मातृ श्रेयसे श्री कुंथुनाथ बिवं कारितं हुवड़ गछे श्री सिंघदत्त सूरि प्रतिष्टितं । उपाध्याय श्री शीलकुअर गणि । [6] सं० १५३१ वर्षे वेशाख बदि ११ सोभे श्री श्रीमाल झा० सा० गोया जानाज सु. सा साजण मा० मदोथरि सु० सा० खटकण ला गुरा सु० सा० सोम सा पासा
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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