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________________ संवत् ५२९ १४२० नाम त्रिविया गच्छ। धर्मदेव सू० सं० धर्मरत्न सू० J देवानंदित गच्छ। सिंहदत्त सू० धर्मघोष गच्छ। सागरचन्द्र सू० मलयचन्द्र सूर १५७२ १३०३ २६४ [m] लेखांक | संवत् नाम लेखांक १४८३ सिंहदत्त सू० ) १५१५ विनयप्रभ सू० ४८१ गुणदेव सू० १५२९ सोमरत्न सू० ८१६ गुणवर्द्धन सू० 99 नाणकीय गच्छ। शांति सू० ८६२ ४६ धनेश्वर सू० १०२ वीरचन्द्र सू ४१० नाणवाल गच्छ। ४२८४६६ ५५२ १५३६ धनेश्वर सू० १०० निगमा विभावक गच्छ । इन्द्रनंदि सू० ४०४ पल्लिवाल गच्छ। १२३५ १४०६ १४५८ १४५६ १४८२ १४६२ पद्मशेखर सू० १५०३ १५०५ injif it if it महेंद्र सू० विजयनरेंद्र सू० साधुरत्न सू. 1499 ४७४ पद्मसिंह सू० महेंद्र सू० पद्मानन्द सूर (६३ १५०० १५१३ १५२८ १५०० १५२६ १५२६ १५३३ १५५१ G98 यश सू० नभ सू उजोयण सू. ६७१ ७३७ ७२४ पुण्यवर्द्धन सू० ४६२ ११० १५५४ ६०२ Jपवीर्य गच्छ। यशोदेव सू० पार्श्वनाथ गच्छ। ५१ १८ १५१० नंदिवर्द्धन सू० उदयप्रभ सू० नयचंद्र सू० नागेंद्र गच्छ। १७८३ १६२ १०८८ १८३ जिनहर्ष सू० भानुचन्द्र सू. १५४६ रत्नप्रभ सू०
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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