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________________ ( ४ ) V[12] संवत १९०० मिति आषाढ़ सित ए गुरौ श्री आदिनाथ विंबं प्रतिष्ठितं । बृहत खरतर जहारक गछेश ज० । श्री जिन दर्ष पट्टे दिनकर ज० श्री जिन सौभाग्य सूरिजिः कारितं च श्रीमाल बंशे टाक गोत्रे मोहया दास पुत्र दनुतसिंहस्य जार्या फूलकुमार्या स्यश्रेयोर्थं । ॥ श्री नेमिनाथजी का पंचायति मन्दिर ॥ ✓ [13] संवत १५११० माघ सु० ५ सोमे उसवाल ज्ञाती लिगा गोत्रे समदडीया उडके० सुड्डा जा० सुहागदे पु० कम्माकेन जा० कस्मीरदे पु० हेमा संसारचंद देवराज युतेन स्वश्रेयसे श्री नमिनाथ विंबं कारितं श्री उपकेश गछे श्री कुकुदाचार्य संताने प्र० श्री कक्क सूरिजिः । संवत १५२३ बर्षे वैशाख बदि ४ गुरौ उसवाल ज्ञातौ कटारीया गोत्रे सा० सरवण राणीसुत सा० सिंघा जा० सोम सिरि सु० सा० आडु नाम्ना जार्या विरणि सुत सा० पुनपाल सा० सोनपाल सुरपति प्रमुख कुटुंब युतेन स्वश्रेयसे श्री पार्श्वनाथ विंबं कारितं प्रतिष्ठितं च । श्री लक्ष्मीसागर सूरिभिः ॥ श्री ॥ / [15 1 [14] संवत १६५३ बर्षे बेशाख सुदि • प्राग्वाट ज्ञा० व्यव० बेता जाय मदी सुत व्य० जोजान जा० राजू चातृ राजा रत्ना देवा सहितेन स्वपुर्विज श्रेयोथं श्री शांतिनाथ विंबं hoto तपाछे श्री हेम विमल सूरि श्री कमल कलस सूरिजिः सिरुत्रा बास्तव्य । [16] संवत १६१५ वर्षे बैशाख वदि १० जौमे जवाब वास्तव्य हुवड ज्ञातीय मंत्री श्वर गोत्रे
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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