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________________ ( २५० ) बिलाड़ा (मारवाड ) ---- सं० १८०३ वर्षे शाके १६६८ प्रवर्त्तमाने मगशिर सुदि २ दिने सोम वारे महाराज राज राजेश्वर महाराजा जी श्री अभयसिंह जी कुंवर श्री रामसिंह जो विजय राज्ये वृहत खरतर श्री आचार्य गच्छे । अहारक श्री जिन कीर्त्ति सूरि जी वर्त्तमाने सति । श्री बिलाड़ा नगरे कटारीया कलावत साह श्री तुरंता जी पुत्र गिरधरदासजी केन जिनालय करापितः स्थानको द्यमः उपाध्यायजी श्री करम चंद हरष चन्दाभ्यां कृतः कलावत श्रकाणामपि विशेषोपदेशो दत्तस्ते नायं श्री सुमतिनाथ जी देव लो - द्रधर भीषन कमाभ्यां कृतः उपाध्याय श्री करमचंद गणि पं० हरषचंद जातः मणि पं० प्रतापसी गणि प्रमुख सपरिकरेन विव- श्री भवतु । बोईया ( मारवाड ) ( 937 ) J (938) संवत् १२५० आषाढ़ वदि १४ रवा भुडपद्र वास्तव्य श्रावक सामण भार्या जिसवई सुत रोहड रामदेव भावदेव छुटुंब सहितेन राम्बदेवेन स्तंभ लता प्रदत्ता द्वा० २० । J (939) ओं० संवत् १२५० आसाढ़ वदि १४ वो बहुविध वास्तव्य २० रोहिल सुत घांघल सरसुत गुण घर साल्हणाभ्यां मातृ थिरम्मति श्रयार्थे स्तम्भ लता द्रां० २० प्रदत्ता ।
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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