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________________ [ ट ] १। वर्ष, मास, तिथि, वार आदि।२ । वंश, गोत्र, कुलो के नाम। ३ । कुर्शिनामा। । गच्छ, शाखा, गण आदिके नाम । ५। आचार्यों के नाम, शिष्यों के नाम, पहावली। । देश, नगर, ग्रामो के नाम। ७ । कारिगरों के,खोदनेवालो के नाम । ८। राजाओ के, मंत्रियों के नाम।८ । समसामयिक वृत्तान्त इत्यादि। ऊपरोक्त विवरणों में जैन श्रावकोंकी शाति, वंश, गोत्रादि और जैन आचार्योंके गच्छ शाखादिकी दो सूची पाठकों की सेवा में उपस्थित की जायगी, जिसमें सुगमता के लिये (१) ज्ञाति, वंश, गोत्र (२) संवत्, भाचार्योके नाम और गच्छ रहेगा। सुश पाठकगणको ज्ञात होगा कि बहुतसे लेखोंमें वंश, गोत्रादिका उल्लेत्र पूर्णरीति से पाया नहीं जाता है:-जैसे कि कोई २ लेखमें केवल गोत्र हो लिखा है, ज्ञाति, वशका नाम या पता नहीं है। ज्ञाति वंशादिके नाम भी कई प्रकारसे लिखे हुए मिलते हैं, जैसे कि “ओसवाल" शातिके नाम लेखों में आठ प्रकार से लिखे हुए मिलते हैं [१] उपकेश [२] उकेश [३] उवएश [४] ऊरश [५] उयसवाल [६] ओसलवाल [9] ओश [८] ओसवाल। लिखना निष्प्रयोजन है कि यहां सूचीमें ऐसे आठ प्रकारके नामों को एक 'ओसवाल' हेडिङ्ग में दिया गया है। इसी प्रकार कोई २ लेखोंमें आचार्यों के नाम, उनके शिष्योंके नाम, गच्छादि का विवरण पूर्णतया नहीं है। प्रतिष्ठास्थानोंके नाम भी बहुतसे लेखोंमें बिलकुल नहीं है। पुरातत्यप्रेमी सज्जनगण अच्छी तरह जानते हैं कि प्राचीन विषय में ऐसो बहुतसी कठिनाइयां मिलती है, स्थान २ में प्राचीन लेख घिस गये हैं, इस कारण बहुत सी जगह प्रयत्न करने पर भी खुलासा पढ़ा नहीं गया है। __ यह "लेख संग्रह" संग्रह करने में हमें कहां तक परिश्रम और व्यय उठाना पड़ा है सो सुश पाठक समझ सक्त हैं; नहि वन्ध्या विजानाति गर्भप्रसववेदनाम् ।" अधिक लिखना व्यर्थ है। यह संग्रह किसी भी विषयमें उपयोगी हुआ तो मैं अपना समस्त परिश्रम सफल समझंगा।। आशा है कि और २ आचार्य, मुनि, विद्वान् और सजन लोग भी जैन लेख संग्रह करने में सहायता पहुचावें और उनके पास के, या जिस स्थानमें वे विराजते हों वहांके जैन लेंखों को प्रकाशित करें तो यहुत लाभ होगा और शीघ्र ही एक अत्युत्तम संग्रह बन जायगा। किंबहुना । कलकत्ता । इ० स० १८१५६ निवेदकपूरणचन्द नाहर।
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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