SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 104
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ६३ ) गांव मन्दिर - धातुओंके मूर्ति पर । ( 237 ) सम्बत १९११० चैत मास सुदि १३ संसनाथ प्रतिमा कारित- --1 (238) सं० १४८० वर्षे आषाढ़ वदि रखो ऊ० ज्ञा० सा० सपुरा भा० सीतादे पु० कर्मसिंहेन श्री नमिनाथ विंव पितृमातृ श्रेयसे कारितं उकेश गच्छे श्रीसिद्धाचार्य संताने प्र० श्रीदेव गुप्त सूरिभिः । पाषाण पर । (239) सम्बत् १५०४ वर्ष फागुण सुदि ९ दिने महतिआण वंशे जाट गोत्रे सा० देवराज पुत्र सं० षीमराज पुत्र सं० सिवराज तेन पुत्र सं० रणमल धर्मदास । श्रीशांतिनाथ विंवं कारितं प्रतिष्टिते खरतर गच्छे श्री जिनवर्द्धन सूरिपट्ट े श्रोजिन चन्द सूरिपट्ट े श्री जिन सागर सूरीणां निदेसेन वाचनाचार्य शुभशील गणिभिः । ( 240 ) ॐ नमः सिद्धं ॥ सम्बत १८१९ वर्षे माघ मासे शुक्ल पक्ष ६ तिथौ गुरुवासरे श्री मुनि सुव्रत स्वामि जन्म कल्याणक चरण कमले स्थापिते हुगली वास्तव्य ओसवंशे मंधी गोत्रे बुलाकीदास पुत्र साह माणिक चंदेन राजगृहे जीर्णोद्धारं करापितं । ( 241 ) सं० १८२५ माघ सु० ३ गुरुषेता साह पुत्र्या उमरवाई केन शांतनाथ विंवं कारापिता ।
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy