SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 224
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २०० ० एशीयाटीक सोसायटी ऑफ बंगालमां छपाएला जैन ग्रन्थो. १. योगशास्त्र-त्रण अंको प्रत्येकना २. शान्तिनाथचरित्र-त्रण अंक दरेकना ३. षड्दर्शनसमुच्चय-थे अंक, प्रत्येकना ०-१०-० ४. समराइञ्चकहा-चार अंक, प्रत्येकना ५. प्रबन्धचिन्तामणि-(इंग्रेजीभाषामा) त्रण अंक प्रत्येकना १-४-० ६. परीक्षामुख-लघुवृत्तिसहित, न्यायनो ग्रन्थ. १-०-० ७. न्यायसार-सटीक. २-०-० ८. तत्वार्थाधिगमभूत्र-भाष्य सहित, त्रण अंक, प्रत्येकना ०-१०-० ९. उपमितिभवप्रपञ्चाकथा-(जीजो तथा चोथो अंक छोडी) १३ अंक संपूर्ण. प्रत्येक अंकना। १०. उपासकदशाङ्गसूत्र-मूल तथा टीका. प्राकृत शब्दोनो कोश पण साथे छे. ११. प्राकृतलक्षण-चण्डकृत-प्राकृतव्याकरण १२. बौद्धप्रकरणसंग्रह- बौद्ध न्यायशास्त्रनां न्हानां न्हाना छ प्रकरणोनो समावेश छे. ०-१०.० १. श्रीधर्ममहोदय-(संस्कृत) श्रीरलविजयजी विरचित ०-१-० २. श्रीविजयधर्मसूरिचरित्र-(गूजराती) पोस्टेज ०-१-० ३. सुजनसम्मेलनम्-(हिन्दी) महामहोपाध्याय श्रीरा ममिश्रशास्त्रीजीनुं व्याख्यान तेमां जैनधर्मनी प्राचीनतासिद्ध करी छे. ०-१-० 'जैन-शासन' आ पत्र दरेक पूर्णिमा तथा अमावास्याए प्रगट थाय छे. पो "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009673
Book TitleShabda Ratnakar
Original Sutra AuthorSadhusundar Gani
AuthorHargovinddas Pandit, Bechardas Doshi
PublisherJain Shwetambar Sangh Rangun Varanasi
Publication Year
Total Pages226
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy