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________________ Plate XIX लिपिपत्र १५वा. माचीन हस्तलिखित पुस्तकों तथा लेखों से (ई.स. कोरडी शतादी) होर्युजी के मठ (जापान में) से मिली हुई 'उपोषविजधारणी' की तारपा पर लिसो हो पुस्तक के अन्त में दो हुई पूरी वर्णमाला, म मु रुम र ११० से 7 में मक पद पर ८ र ८० , ० वन ५ रू २ सय र ल म प स स ७ गायर माहस को मिली हुई भोजपत्र पर लिखी पुस्तकों से मुख्य मुख्य अक्षर. पामिरगढ मे मिलीई मौखरी वर्मन् की मुद्रा में मुख्य मन घबर. स भ भ म र रे हा न्य ता स स र उ म म म । म मौखरी अनंतवर्मन् के २ लेखों से. दू यो च र्मा Fon महानामन् के बुद्धगया के ले. (१.५८) को श्री. ऊ ए क य य त् चं .. ए कर | ७ सुकाई गई है। रामर कसरत है सिमसार - गे म: How to .य: BA के TATARA गरे ठोः A SENH Land q in goku मा : पाद: स: FIR में - Ahol Shrutgyanam
SR No.009672
Book TitleBharatiya Prachin Lipimala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaurishankar H Oza
PublisherMunshiram Manoharlal Publisher's Pvt Ltd New Delhi
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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