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________________ इंक. उत्तरार्द्ध में किसी गूर्जर राजार, राष्ट्रकूट (राठौड़) दंतिदुर्गर और शंकरगण के दानपलों, प्रतिहार नागभट और पाउक' के लेखों, राष्ट्रकूट दतिवर्मन् के दानपत्र', प्रतिहार भोजदेव के दो लेखों', प्रतिहार महीपाल के लेख तथा पुष्कर के लेख से नवीन शैली के सेसिक के अंक, शुम्पसहित, दिये हैं. लिपिपत्र ७६ वा. इस लिपिपल के पूर्वार्द्ध में चौलुक्य (सोलंकी) मूलराज और शिलारा अपराजित के दानपत्रों, परमार मोज के शिलाओं पर खुदे हुए 'कर्मशतक २', सलचुरि कर्ण और चौतुक्य त्रिलोचनपाल के दामपलों, कलचुरि जाजल्लदेव के लेख, अजमेर से मिली हुई चौहानों के ऐतिहासिक काव्य की शिलाओं में से पहिली शिला, पख्याली से मिले हुए हस्तलिखित अंकगणित के पुस्तक एवं बौद्ध पुस्तकों १८ से नवीन शैली के शुम्पसहित १ सेह तक के अंक दिये गये हैं. उत्तराई के दो खंड किये गये हैं जिनमें से पहिले में शारदा लिपि के लेखों५, बंगला लिपि के लेख व दानपत्रों और तेलुगुकनडी लिपि के लेखादिरासे नवीन शैली के शून्यसहित १ से सक के अंक दिये गये हैं. दूसरे खंड में खरोष्ठी लिपि के अंक दिये हैं जिनका विवेचन मागे किया जापगा. __ ; जि. ११. पू. ११२. १. प.: जि.. पृ. २००, . राजपूताना म्युज़िमम् । अजमेर में रखे दुप प्रमिहार बाउक के वि. सं. ८८४ लेक से. . .: जि. ६, पृ. २८२. .. पहिले के अंक मेरे विद्वान् मित्र हरविलास सारदा से मिली दुई उक्त लेख की उत्तम छाप से और दूसरे के , . : जि. १६, पृ. २६४. .. राजपूताना म्युज़िमम् (भमर मे रखे हुए वि. सं. १८२ के पुष्कर से मिले हुए लेख से. १. जि. ६. १६३. . प. जि. ३. पृ.२७३. १५. . जि.८, पृ. २४८-६०. . . जि. २, पृ.१०७. . .: जि.१२,पू. २०२. ५. जि. १, पृ.१४. १६. राजपूताना म्युज़िमम् (अजमेर) में रक्खी हुई शिला से. १६. पेः प्लेट (B), पंक्ति ९-१० (IX.X). इ. पे: प्लेट । (B), पंकि११५(XI, XII) १९. फो; .चं. स्टे प्लेट १६,१७, २०, २३, २४, २५, २६, २५, २६, ३०, २२, २३, ४०. स. प. जि.२, पृ. ३५२; जि... पृ. १८२-४ जि. १२, पू. ६. २८.२६, ४१. ई. जि.१०, पृ. ३४२. ज.गा.. सोई.स.१८१६, भाग १, प्लेट १-२०१५९०, प्लेट ७. १. पहिली पंक्ति . जि. पू. २७.८ मि.,पृ. ६२ (0), २१४: जि... पृ. १४९, जि.६, पृ. २३६. . नि.... १३८ जि. ११पृ. १२६ बसरी पंकि पासा..पे ट५से. Aho! Shrutgyanam
SR No.009672
Book TitleBharatiya Prachin Lipimala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaurishankar H Oza
PublisherMunshiram Manoharlal Publisher's Pvt Ltd New Delhi
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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