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________________ ॥ वंदना तेहने माहरी श्वास माहे सो वार । દિવ્યકૃપા सविशुद्ध संयभना अणे सेंडडो सुविहित श्रभाश रत्नोन सर्वन हरनारा प.पू. आचार्य भगवंत श्रीभविश्य प्रेमसूरीश्वर महाराज संघ, शासन अने सेंडडो शिष्योनी वाजहारी वख्थे वर्धमान तपनी १०८ मोणी इरनारा प.पू. आचार्य लगवंत श्रीभ विश्य भुवनमानुसूरीश्वर महाराज छेन्सरनी घोर जिभारीभां पारा भासक्षभायाष्टि तपना साराधड़, मेोऽ सभताना धारा प.पू. पंन्यासप्रवर श्री पन्नावस्या महारा શુભઆશિષ ) शास्त्रनिष्ठा, व्यवहार इशणता अने पार्श प्रेम अने वात्सल्य भावना जणे विराट श्रभाश समुद्यायन सा संचालन डरनारा गछाधिपति आचार्य भगवंत श्रीभ विश्य न्यधोषसूरीश्वर महाराज પ્રેરક-માર્ગદર્શક) वैराज्यभय देशना द्वारा अनेडोना हैयाने अरिहंतभय उरनारा प.पू. मायार्थ लगवंत श्रीभ६ विश्य हेमचंद्रसूरीश्वर महारा
SR No.009654
Book TitleTrishashti Shakala Purush Charitam Part 1
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2004
Total Pages399
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size89 MB
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