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________________ श्रीमद्राजचन्द्रजैनशास्त्रमालायां स्याद्वादमजरी (अन्ययोगव्यवच्छेदिका )के शब्दोंकी सूची ( ४ ) श्लोक शब्द श्लोक शब्द श्लोक शब्द ओ १८ औपाधिक श्लोक शब्द नित्य ९ नित्यवाद अकृतकर्मभोग अतीतदोष अद्वैत अनन्तधर्म अनन्तविज्ञान अनुमान अनुवृत्ति अनुशासक अनेक अनंतसंख्य अबाध्यसिद्धान्त अमर्त्यपूज्य अम्बर १६ कर्ता २२ कृतप्रणाश १ कृतान्त २० क्षणसन्तति ४ क्षणभंग ६ पक्षपाती १८ पुरुष १७ प्रपंच १६ प्रमाण १८ प्रमोक्ष २५ वाचक २६ वाच्य वासना वितण्डा १५ विनाशवाद १३ विरूप २८ विवाद १८ वृत्ति व्यतिवृत्ति १५ श १५ शून्य १२ ष ११ षड्जीवकाय १५ बन्ध १४ चित् २९ चैतन्य बुद्धि बोध ब्रह्मचारी १५ जिन २५ ज्ञान भव असत् १२ आ आत्मतत्त्व आदेशभेद आप्तमुख्य माया मितात्मवाद मुक २३ तन्मात्रा १८,२९ सत् २५,२८ सत्ता १०,१३ सदृश २९ सप्तभंग २३ २९ सुगत संवित् संविदद्वैत ( विज्ञाना द्वत) १६ स्मृतिभंग स्याद्वाद २ स्वयंभू दुर्नीति २७,२८ मुनि १० ७ मोक्ष उत्पादविनाश उपाधि २१ धर्मम २४ न नय १४ नाशि २७ नास्तिक एक एकान्तवाद २८ यथार्थवाद २५ व २० वर्धमान " . १ हिंसा
SR No.009653
Book TitleSyadvada Manjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1970
Total Pages454
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size193 MB
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