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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यही है जिंदगी २४८ - पूर्वजन्मों में जीवदया का पालन किया होगा, इसलिए इस जन्म में निरोगी शरीर मिला और रूप मिला। ___- पूर्वजन्मों में दानधर्म का पालन किया होगा, इसलिए इस जन्म में श्रीमन्त घर में जन्म मिला। ___ - पूर्वजन्म में परमात्मा की पूजा की होगी, इसलिए इस जन्म में सौभाग्य मिला। ___ - परन्तु आज तो एक ऐसे छोटे बच्चे को देखा कि जन्म से जिसको आँखें नहीं हैं। न सुनता है, न बोलता है, न शरीर निरोगी है...। - देखकर हृदय काँप उठा। - 'हर अच्छी-बुरी क्रिया का फल कभी न कभी मिलता ही है' - यह बात दृढ़ हो गई हृदय में। - किसी जन्म में इस बच्चे ने आँखों का दुरुपयोग किया होगा। किसी की आँखें फोड़ दी होगी! - इस जन्म में तो उसने कोई दुष्कृत्य नहीं किया है। - दुष्कृत्य के बिना दुःख नहीं आता है। वर्तमान में दुःख है, तो उसका कारण होना ही चाहिए। - उसने पूर्वजन्मों में जीवदया का पालन नहीं किया होगा, अन्यथा यहाँ उसको रोगग्रस्त शरीर क्यों मिलता? - परन्तु, इस बच्चे का जन्म भी श्रीमन्त घर में हुआ है। - उसके माता-पिता प्रेम से, दया से उसका पालन कर रहे हैं। - उसको भोजन मिलता है, आराम मिलता है। - इन बातों के भी कारण होने चाहिए। _पूर्वजन्मों में इस जीव ने दूसरे जीवों को सुख दिया होगा। दूसरों को प्रेम दिया होगा। किसी त्यागी साधुपुरुषों की सेवा कर ली होगी। थोड़ा-सा दान भी दिया होगा! ___ - मनुष्य अपने जीवन में कभी अच्छा कार्य करता है, कभी बुरा काम करता है...। कभी अच्छी बातें करता है, कभी बुरी बातें करता है...। कभी अच्छे विचार करता है, कभी बुरे विचार करता है...! उसका फल भी उसे उसी प्रकार का मिलता है। सुख-दुःख का सम्मिश्रण! For Private And Personal Use Only
SR No.009641
Book TitleYahi Hai Jindgi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2009
Total Pages299
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size3 MB
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