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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २४५ यही है जिंदगी ___ - 'मेरा पति कभी भी मेरा त्याग नहीं करेगा।' और पति ने दूसरी स्त्री से शादी कर ली...। उस औरत ने आत्महत्या कर ली। ___ - ज्ञानी पुरुषों का कहना है कि अनुमान गलत सिद्ध होने पर निराश नहीं होना, दीन नहीं होना...राग-द्वेष में उलझना नहीं। क्योंकि___- अनुमान सिद्ध होने में निर्णायक तत्त्व होता है मनुष्य का पुण्यकर्म । अलग-अलग प्रकार की सफलता के अलग-अलग पुण्यकर्म कारण होते हैं। -- आप शरीर के आरोग्य के विषय में अनुमान करते हैं। सफलता का आधार है आपके 'शाता-वेदनीय' पुण्यकर्म का उदय। - आप किसी लाभ के विषय में अनुमान करते हैं। सफलता का आधार है, आपके लाभान्तराय कर्म का क्षयोपशम । - आप किसी शक्ति को पाने के विषय में धारणा बनाते हैं। सफलता का आधार है, आपके वीर्यान्तराय कर्म का क्षयोपशम । - आप इज्जत... लोकप्रियता पाने का अनुमान करते हैं। सफलता का आधार है, आपके यश-कीर्ति-नाम कर्म का उदय | - आप जीवनमर्यादा का अनुमान करते हैं। सफलता का आधार है, आपका आयुष्य-कर्म। - आप अपने प्रभाव-प्रताप के विषय में अनुमान करते हैं। सफलता का आधार है, आपका पराघात-नाम कर्म । - परंतु हम नहीं जानते हैं कि अपनी आत्मा में ये सारे कर्म हैं या नहीं। यदि ये कर्म नहीं है, कर्मों का क्षयोपशम नहीं है, तो अपने अनुमान गलत सिद्ध होंगे। ___ - वे ही अनुमान सफल सिद्ध होंगे, जिनके आधारभूत कर्मों का उदय होगा। - हम अनुमान नहीं करेंगे, तो भी जब वे कर्म उदय में आयेंगे तब जो प्राप्त होना है, वह प्राप्त होगा ही। जो दुःख दूर होना है, दूर होगा ही। - सुख और दुःख के विषय में मनुष्य अनुमान नहीं करेगा तो भी चलेगा। क्योंकि अनुमान के आधार पर सुख-दुःख नहीं मिलते हैं। -- सुख-दुःख के आधार, मनुष्य के कर्म हैं। पूर्वजन्मों में जैसे भी कर्म संचित किये हैं, तदनुसार यहाँ सुख-दुःख मिलनेवाले हैं। For Private And Personal Use Only
SR No.009641
Book TitleYahi Hai Jindgi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2009
Total Pages299
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size3 MB
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