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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९५ यही है जिंदगी करते रहते हैं। अर्थहीन चर्चाएँ करते रहते हैं। निन्दा-रस के प्याले पीते रहते हैं। ___ - ऐसे लोगों का जन्म-जीवन और मृत्यु, कोई महत्त्व नहीं रखता | जनमानस पर, ऐसे लोगों की स्मृति भी नहीं रहती। - कार्यक्षेत्र कोई भी हो, बुद्धिमत्ता से, पूरी लगन से यदि मेहनत की जाय, तो वह कार्य ही व्यक्ति का भव्य-स्मारक बन जाता है। ___- सम्राट संप्रति ने सवा लाख जिनमंदिरों का निर्माण करवाया था और सवा करोड़ जिनप्रतिमाएँ बनवायी थीं। छोटे से जीवन में इतने बड़े कार्य, सुदीर्घकालीन मेहनत के बिना हो सकते हैं क्या? - आचार्य श्री हरिभद्रसूरिजी ने अपने श्रमण-जीवन के छोटे से काल में १४४४ गंभीर ग्रन्थों का सर्जन किया था, कैसी कड़ी मेहनत की होगी? ___ - आचार्य श्री हेमचन्द्रसूरिजी ने साढे तीन करोड़ संस्कृत-प्राकृत श्लोकों की रचना की थी। ज्ञानोपासना के, साहित्य सर्जन के क्षेत्र में कैसी अद्भुत साधना की थी उन्होंने? - प्रसिद्ध वैज्ञानिक 'एडिसन' का एक मित्र लिखता है : 'मैं एडिसन को उस समय से जानता हूँ, जबकि वह अभी चौदह वर्ष की आयु का ही था। मैं अपने निजी ज्ञान के भरोसे से कह सकता हूँ कि उसने जीवन में कभी... एक दिन भी सुस्ती या शिथिलता में नहीं गुजारा । निद्रा के क्षणों को छोड़कर वह सदैव कुछ न कुछ सीखने में ही लगा रहता था।' - आलस्य, सभी क्षेत्रों में - यानी धार्मिक क्षेत्र में, व्यावहारिक क्षेत्र में, राजनैतिक क्षेत्र में... मनुष्य का कट्टर शत्रु है | आलस्य, मनुष्य को तन-धन से तो गिराता ही है, बुद्धि से भी गिराता है। ००० -- हे प्रभो, मैं कभी भी बाह्य अथवा आन्तरिक पुरुषार्थ करने में आलसी न बनूँ, कर्तव्यपालन के सत्कर्म करने में सुखशील न बनूँ और परोपकार करने में एक क्षण का भी विलम्ब न करूँ, ऐसी मुझ पर कृपा करना। ___ - हे अनंत शक्ति! तू तेजरूप है, मुझे तेज देना। तू वीर्यरूप है, मुझे वीर्यवान बनाना। तू बलरूप है, मुझे बलवान बनाना। तू ओजस है, मुझे ऊर्जस्वी बनाना। तू पुण्यप्रकोप है, मुझे पुण्यप्रकोप देना। For Private And Personal Use Only
SR No.009641
Book TitleYahi Hai Jindgi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2009
Total Pages299
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size3 MB
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