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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra यही है जिंदगी cht... I - www.kobatirth.org परन्तु कमी है, चन्दन से मानवों की कमी है, यह क्षतिपूर्ति मनुष्य ही कर सकता है न ? Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir देश, समाज, धर्म और व्यक्ति की गरिमा, पहाड़ जितने ग्रन्थों से और आकाश चूमने वाले मन्दिरों से ही नहीं है। उनकी गरिमा होती है हेमचन्द्राचार्यों से, कलिकाचार्यों से, कुमारपालों से और वस्तुपाल - तेजपालों से...। यदि उनका अभाव रहा तो हमारे समृद्ध ज्ञानभंडार और हजारों जिनालय भी सुरक्षित नहीं रह सकेंगे। १८९ कल्पवृक्ष से महामानवों समय की महती समस्याओं के समाधान के लिए अनिवार्य आवश्यकता है, महामानवों की परम्परा की । पुराने महापुरुष अस्त हो चुके हैं या अस्त हो रहे हैं। जो जीवित हैं उनके बुझने का समय निकट है। - आने वाला समय घोर संघर्ष का है । संकट सघन है। अनेक बुराइयों से जूझना होगा और अनेक सत्प्रवृत्तियों के बाग लगाने होंगे। दोहरी जिम्मेदारी है । - जिनके हृदय में अमीरी का व्यामोह है, जिनके दिल में विलासिता की आग जलती है, ऐसे पामर लोग ... चाहे कुछ घंटों के लिये... या कुछ दिनों के लिये... ‘शासन सेवक' बनने के अहंकार का प्रदर्शन करते रहें, ऐसे लोग दोहरी जिम्मेदारी नहीं निभा सकते। महामानवों का निर्माण करना, इस समय का श्रेष्ठ कर्त्तव्य है। दूरदर्शिता अपनानी होगी, धैर्यपूर्वक प्रतिफल की प्रतीक्षा करनी होगी । श्रेय पाने के लिये कुछ देर तो ठहरना ही पड़ता है । दूरदर्शिता का अभाव दिखाई देता है, धर्मक्षेत्र में। धर्मक्षेत्र में आपस के झगड़े इस बात के साक्षी हैं । दूरगामी परिणामों को नहीं देखने से घाटा ही घाटा है। किसी भी उपाय से महामानवों की पंक्ति में बैठ जाने का मोह, 'कृत्रिम महामानवों' को पैदा कर रहा है। थोड़ा-सा धन देकर, थोड़ा-सा समय देकर ... थोड़ा-सा श्रम देकर ... 'महामानव' नहीं बना जा सकता। महामानव की पंक्ति में बैठने के लिए तो मनुष्य को समर्पित होना पड़ेगा, पूरा का पूरा समर्पित होना पड़ेगा। अपने स्वार्थों का विसर्जन करना होगा । • आत्मनिरीक्षण, आत्मसुधार और आत्मविकास की साधना आरम्भ कर For Private And Personal Use Only
SR No.009641
Book TitleYahi Hai Jindgi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2009
Total Pages299
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size3 MB
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