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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६० मिलना पिता से पुत्र का! निगाहें एक प्रशांत और भव्य आकृतिवाले मुनिराज पर जम सी गई। उनका शरीर हालाँकि, सूखकर काँटा हुआ जा रहा था... पर उनकी आकृति से लगता था कि वे श्रेष्ठ संयमी महापुरुष थे! अभयकुमार ने खड़े होकर भगवान महावीर स्वामी के पास जाकर वंदना करके विनयपूर्वक पूछा : __'भगवान, वे ऊँचे... दुबले... पर तेजस्वी मुनिराज कौन हैं?' उन मुनि की ओर उंगली बताकर पूछा : 'महानुभाव, वह राजर्षि हैं... उनकी तो लंबी कहानी है! मैं तुझे सुनाता हूँ... सुन! यहाँ से पूर्व दिशा में 'वीतभय' नामक नगर है... जैसे कि स्वर्ग की अलकानगरी हो... वैसा सुंदर और भव्य है वह नगर! विचरते हुए एक बार हम उस वीतभय नगर में पहुँचे। समवसरण रचा गया । देशना सुनने के लिए वहाँ का राजा उदायन भी आया हुआ था। हमने धर्म का उपदेश देते हुए कहा : 'समझदार और बुद्धिशाली आदमी को हमेशा धर्म का आचरण करना चाहइए | धर्म की कृपा और धर्म के अतुल प्रभाव से मनुष्य हर तरह का सुख प्राप्त करता है... परंतु मोहांध मनुष्य धर्म को सुनता नहीं है... समझता नहीं है... और अपनाता नहीं है। यदि मोह का अंधापन दूर हो जाए और मनुष्य धर्म करे, करवाये... और उसकी अनुमोदना-प्रशंसा करे तो वह खुद तो तैरता है... साथ ही अपनी सात पीढ़ी को पार लगा देता है! धर्म ही सच्चा अंतरंग मित्र है। धर्म ही सच्चा भाई है... धर्म मनुष्य को उसकी इच्छित सिद्धियाँ प्राप्त करवाता है। यह संसार तो दुःखमय है ही। मनुष्य को गर्भावस्था में दुःख... बचपन में दुःख... तारुण्य अवस्था में दुःख... जवानी में दुःख और बुढ़ापे में भी अंत बिना का दुःख! कहाँ है सुख इस संसार में? ___ संध्या के रंगों जैसा, पानी के बुलबुले सा, और ओस की बूँद सा यह क्षणिक जीवन है | बरसाती नदी के उफनते प्रवाह जैसा यह यौवन है... फिर भी ओ राजन्! तू बुद्ध क्यों नहीं हो रहा है? जाग्रत क्यों नहीं हो रहा है?' राजा उदायन वैसे भी पहले से वैरागी ही थे। उसमें हमारा उपदेश सुनने से उनका वैराग्य सुदृढ़ हो गया। For Private And Personal Use Only
SR No.009639
Book TitleRajkumar Shrenik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages99
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size1 MB
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