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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कशमकश ६६ ज ELESHAILthasutritam ११. कशमकश rre-ITTELUOTETTAD COTA IN मानव का मन कितना अजीबो-गरीब है! कभी वह काम-पुरूषार्थ के पीछे पागल बन जाता है, तो कभी अर्थ-पुरूषार्थ के लिए उतावला हो जाता है। कभी ऐसा भी मोड़ आ जाता है कि अर्थ-पुरूषार्थ एवं काम-पुरूषार्थ दोनों को छोड़कर सर्वस्व त्याग करके मनुष्य धर्म-पुरूषार्थ मे लीन-लवलीन हो जाता है। अमरकुमार के दिल मे अर्थ-पुरूषार्थ की कामना दिन-ब-दिन प्रबल हुई जा रही थी। हालाँकि, उसे वैषयिक सुख अच्छे लगते थे, सुरसुंदरी के प्रति उसके दिल में असीम प्यार था, राग था, आसक्ति थी, फिर भी उन सबसे बढ़कर उसकी 'आप कमाई' का पैसा पैदा करने की तमन्ना प्रबल हो उठी थी। कुछ दिन तक तो उसके भीतर ज़ोरों का वैचारिक संघर्ष भी चला | 'उत्तम पुरूष तो वह होता है कि जो अपने बलबूते पर खड़ा होकर संपत्ति प्राप्त करे! पिता की दौलत पर गुलछर्रे उड़ानेवाला पुत्र तो निकृष्ट गिना जाता है। मैं जाऊँगा विदेश... जरूर जाऊँगा। अपने बाहुबल से संपत्ति प्राप्त करूँगा।' ___ 'परंतु, सुरसुंदरी के बगैर... उसे मेरे पर कितना प्यार है? विदेश में तो उसे साथ नहीं ले जाया जा सकता! मेरे पैरों में उसका बंधन हो जाए! मुझे उसका पूरा ध्यान भी रखना पड़ेगा! मुक्त-रूप से मैं व्यापार नहीं कर सकूँगा! नहीं, मै उसे साथ तो नहीं ले जा सकता! उसके बगैर... 'अमर... स्वपुरूषार्थ से संपत्ति पानी है... विदेशों में घूमना है... सागर का सफ़र करना है तो पत्नी का प्यार भूलना होगा...। मन को ढीला बनाने से काम कैसे होगा? कठोर हो जा... यदि जाना ही है तो।' 'उसका त्याग करके यदि चला जाऊँगा तो उस पर क्या गुजरेगी? क्या इसमें उसके साथ धोखा नहीं होगा? उसने मुझ पर कितना भरोसा रखा है!' 'ऐसे विचारों के जाल में मत उलझ, अमर! तू कहाँ विदेश में ही रह जानेवाला है? कुछ बरसों में तो वापस लौट आयेगा... क्या एक-दो साल भी वह तेरी प्रतीक्षा नहीं कर सकती?' 'वह प्रतीक्षा तो करेगी... ज़रूर करेगी... पर यहाँ से चलने के बाद उसकी For Private And Personal Use Only
SR No.009637
Book TitlePrit Kiye Dukh Hoy
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2009
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size2 MB
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