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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्र ९ १० साध्वी श्री चन्द्रप्रभ स्वामी १ माता का नाम लक्ष्मणा रानी २ पिता का नाम महसेन राजा ३ च्यवन कल्याणक चैत्र कृष्णा ५/चंद्रपुरी ४ जन्म कल्याणक पौष कृष्णा १२/चंद्रपुरी ५ दीक्षा कल्याणक पौष कृष्णा १३/चंद्रपुरी ६ केवलज्ञान कल्याणक फाल्गुन कृष्णा ७/चंद्रपुरी ७ निर्वाण कल्याणक भाद्रपद कृष्णा ७/सम्मेतशिखर ८ गणधर संख्या ८८ प्रमुख दिन्नगणी ९ साधु संख्या २ लाख ५० हजार प्रमुख दिन्नगणी संख्या ३ लाख ८० हजार प्रमुख सुमना | ११ श्रावक संख्या २ लाख ५० हजार १२ श्राविका संख्या ४ लाख ९१ हजार १३ ज्ञानवृक्ष पुन्नाग १४ यक्ष [अधिष्ठायक देव] १५ यक्षिणी [अधिष्ठायिका देवी] १६ आयुष्य १० लाख पूर्व १७ लंछन [चिह्न-Mark] १८ च्यवन किस देवलोक से? वैजयंत १९ तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन पद्म के भव में २० पूर्वभव कितने? ७ |२१ छद्मस्थ अवस्था ६ महीना २२ गृहस्थ अवस्था ९ लाख पूर्व २४ पूर्वांग २३ शरीर-वर्ण (आभा) श्वेत [गौर] २४ दीक्षा दिवस की शिबिका का नाम मनोरमा २५ नाम-अर्थ माँ के मन में चन्द्रकिरणों को पीने की इच्छा हुई। विजय ध्रुकुटि चन्द्र For Private And Personal Use Only
SR No.009635
Book TitleMagar Sacha Kaun Batave
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size2 MB
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