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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पत्र ८ १ माता का नाम २ पिता का नाम ३ च्यवन कल्याणक ४ जन्म कल्याणक ५ दीक्षा कल्याणक ६ केवलज्ञान कल्याणक ७ निर्वाण कल्याणक ८ गणधर ९ साधु १० साध्वी श्री सुपार्श्वनाथ भगवंत १९ श्रावक १२ श्राविका www.kobatirth.org | १३ ज्ञानवृक्ष १४ यक्ष [ अधिष्ठायक देव] १५ यक्षिणी [ अधिष्ठायिका देवी १६ आयुष्य १७ लंछन [ चिह्न - Mark] १८ च्यवन किस देवलोक से ? १९ तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन २० पूर्वभव कितने ? २१ छद्मस्थ अवस्था २२ गृहस्थ अवस्था २३ शरीर - वर्ण आभा ] २४ दीक्षा दिन की शिबिका का नाम २५ नाम-अर्थ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५४ पृथ्वी रानी प्रतिष्ठ राजा भाद्रपद कृष्णा १२/बनारस ज्येष्ठ शुक्ला १२/बनारस ज्येष्ठ शुक्ला १३/ बनारस फाल्गुन कृष्णा ३/बनारस फाल्गुन कृष्णा ७/सम्मेतशिखर संख्या १०७ प्रमुख विदर्भ संख्या ३ लाख प्रमुख विदर्भ संख्या ४ लाख ३० हजार प्रमुख सोमा संख्या २ लाख ५७ हजार संख्या ४ लाख ९३ हजार शिरीष मातंग शांता २० लाख पूर्व स्वस्तिक ग्रैवेयक नंदीषेण के भव में For Private And Personal Use Only ३ ९ महीना १९ लाख पूर्व एवं २० पूर्वांग सुवर्ण मनोहरा गर्भ में आने पर माता का शरीर सुंदर हो उठा ।
SR No.009635
Book TitleMagar Sacha Kaun Batave
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size2 MB
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