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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra प्रवचन- ५४ सत्य घटना २ : www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६३ बंबई में एक परिवार रहता था। पति-पत्नी और एक बेटा । 'लड़का' होगा पाँच-सात साल का। पति एक कम्पनी में 'सेल्समेन' था। बड़ी कम्पनी थी । सेल्समेन को महीने में २०/२२ दिन बाहर ही फिरना पड़ता था । जिस बिल्डिंग में वह परिवार रहता था, उस बिल्डिंग में, इनके फ्लेट के पास ही एक सिंगल कमरे में एक लड़का रहता था, कॉलेज में पढ़ता था । दक्षिण प्रदेश का लड़का था, होगा २२/२३ साल का । प्रारंभ में तो इस परिवार के साथ मात्र औपचारिक बातचीत का ही संबंध था, परन्तु धीरे-धीरे यह लड़का इस परिवार के फ्लेट में भी आने-जाने लगा । सही नाम-पता तो नहीं बताऊँगा, परन्तु पति का नाम पंकज समझना और पत्नी का नाम नीला समझना । पहले तो वह लड़का जब पंकज घर में होता तब ही आता । परन्तु नीला के प्रति उसके मन में राग पैदा हुआ था। नीला का स्वभाव अच्छा था, व्यवहार भी अच्छा था । जब पंकज बाहरगाँव जाता और बेटा स्कूल जाता तब नीला को अकेलापन लगता । वह लड़का मोर्निंग कॉलेज 'एटेन्ड' करता था। दोपहर को अपने कमरे में होता था। नीला दोपहर को उस लड़के को, जिसको अपने गणेश कहेंगे, उसको अपने फ्लेट में बुलाने लगी और बातें करने लगी। दोनों का प्रेम बढ़ता गया । नीला गणेश को अपने वहीं भोजन कराने लगी। एक दिन दोनों होश गवाँ बैठे और शारीरिक संबंध कर बैठे। एक दिन कम्पनी का आदमी घर पर आया और पंकज के अकस्मात मृत्यु का समाचार दे गया। नीला को बहुत दुःख हुआ । परन्तु वह दुःख क्षणिक था । उसको तो गणेश मिल गया था न ! अब गणेश नीला के साथ रहने लगा । पंकज के रिश्तेदारों को अच्छा नहीं लगा, निन्दा भी होने लगी, परन्तु नीला ने गणेश को नहीं छोड़ा। बेटा जब ८ / ९ साल का हुआ। कुछ बातें समझने लगा। स्कूल में भी दूसरे लड़के इसको नीला- गणेश की गन्दी बातें सुनाने लगे, तब इसने घर आकर नीला को कहा : 'माँ, गणेश अंकल हमारे घर क्यों रहते हैं? उनको कह दो न कि वे अपने घर रहें। मुझे मेरे मित्र... ।' तब नीला बच्चे को डाँटने लगी। परन्तु लड़के ने तो एक दिन गणेश को भी कह दिया : 'आप हमारे घर क्यों रहते हो? हमारे सारे रुपये खर्च कर दोगे तो हमारे पास क्या रहेगा? आपके लिए मेरे मित्र भी अच्छी बातें नहीं करते । ' For Private And Personal Use Only गणेश ने कुछ जवाब नहीं दिया, उसने नीला के सामने देखा । लड़के के स्कूल जाने के बाद नीला ने गणेश से कहा : 'तू लड़के की बात मन पर नहीं
SR No.009631
Book TitleDhammam Sarnam Pavajjami Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Religion
File Size2 MB
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