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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४६ प्रवचन-६२ गर्भपात में निष्ठुरता और क्रूरता की मिलीभगत : अभी अभी मैंने एक प्रामाणिक रिपोर्ट पढ़ी। भारत के आरोग्यमंत्री ने थोड़े महीने पहले लोकसभा में सगर्व घोषित किया कि 'सन् १९७८-७९ में सरकारी स्तर पर दो लाख तेरह हजार गर्भपात हुए हैं!' उन्होंने कहा कि 'अब भारत में गर्भपात लोकप्रिय बनता जा रहा है।' आगे चलकर उन्होंने कहा : 'तमिलनाडु और महाराष्ट्र - ये दो राज्य गर्भपात में सबसे आगे हैं!' आरोग्यमंत्री ने इन दो राज्यों को अभिनन्दन दिया। दूसरे राज्यों से अनुरोध किया कि वे इन दो राज्यों के चरणचिह्न पर चलें!' ___ लोकसभा में बैठे हुए प्रजा के प्रतिनिधियों ने ये बातें ठंडे दिमाग से सुन ली होगी और केंटीन में जाकर भरपेट नाश्ता भी किया होगा। गर्भपात कितनी क्रूरता से होता है, यह प्रक्रिया आप जानते हो? बात-बात में 'एबोर्शन' की बातें करनेवाले, शिक्षित कहलानेवाले (वास्तव में कसाई) लोग 'एबोर्शन' की प्रक्रिया जानते हैं क्या? कितनी घोर क्रूरता से गर्भ को मारा जाता है, कभी आप अपनी नजरों से देखें....तो बेहोश हो जायँ । गर्भपात करने वाले डॉक्टर भी कितने क्रूर हृदय के होंगे? वे नर्स भी कितनी पत्थरदिल की होगी? गर्भपात करानेवाली महिलाओं की तो किन शब्दों में भर्त्सना करूँ? जन्मदाता माता-पिता ही क्रूर बनेंगे क्या? सरकार ने गर्भपात को कानून से इजाजत दे दी है! सरकार भी कैसी आई है? क्या कोई वीरपुरुष इस घोर पाप को बंद करवा नहीं सकेगा? लाखों अजन्मे बच्चों को बचाने के लिए कोई महापुरुष आगे नहीं आयेगा? जन्म देनेवाले माता-पिता ही क्रूर बनेंगे तो वे 'पूजनीय' कैसे बनेंगे? माता-पिता धिक्कारपात्र बनेंगे। - स्त्री क्यों गर्भपात करवाती है? इसके अनेक कारण हैं। जिसने शादी नहीं की है और व्यभिचार से गर्भवती बनी हुई स्त्री समाज से बचने के लिए, अपने अपराध को छुपाने के लिए गर्भपात करवाती है। जिसने शादी की है, परन्तु जो माता बनना नहीं चाहती है, और भूल से गर्भवती बन जाती है तो गर्भपात करवा देती है। कभी ऐसा भी बनता है कि स्त्री गर्भपात करवाना नहीं चाहती है, परन्तु पति के आग्रह से-दबाव से उसको गर्भपात करवाना पड़ता है। For Private And Personal Use Only
SR No.009631
Book TitleDhammam Sarnam Pavajjami Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Religion
File Size2 MB
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