SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 34
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नरके परमाधार्मिककृता पीडाविषये। ratan-t.pm5 2nd proof नारयनेहेण कतयो देवा गच्छन्तीति विषये। २०० २०१ चतुर्थचक्रवर्तिना कतयो रोगा सहिताः, इति विषये। प्रकीर्णकविषये। इन्द्रस्ट ख्याविषये। [११] सत्तसु खित्तवियणा, [संघ.सू.] सिंहादिरूपैविकृतैः, [है./त्रि./पर्व/७] नैवं वो युध्यमानानां, [है./त्रि./पर्व/७] दह्यमानास्त्रयोऽप्युच्चैः [है./त्रि./पर्व/७] [१२] सहसारंतियदेवा, [पञ्चसंग्रहे] एवमाकर्ण्य सीतेन्द्रो, [हैमवीर/१० सर्गे] [१३] सोलसरोगायंका [म.स. प्रकीर्णके] कंडू १ अभत्तसद्धा २, [ऋ.म.सूत्रे] [१४] चुलसीति सयसहस्सा, [भग.प्रान्ते] विवाहपन्नत्तीए दोलक्खा, [नन्दीसूत्रे] विवाहपन्नत्तीए चउरासीपयसहस्सा [समवाया)] [१५] नवमो आणयइंदो, [देवेन्द्रस्तवे] एए बारस इंदा, [देवेन्द्रस्तवे] [१६] इच्चेइयाई भंते ! चत्तारि [प्रज्ञा/१२ पदे] चउन्हं खलु भासाणं, [दश./अ.७/१६गा.] तह उस्सगोज्जाया, [प्रति.सामाचार्याम्] [१७] जहणणेण वि तिन्नि, [हा.आव.वन्दनिर्युक्तौ] [पाक्षिकसूत्रवृत्तौ] [प्र.सा.] [१८] समणं भगवं महावीरं [ ज्ञाता./अ.१] ता एवं खलु जंबू ! [अनुत्तरो.सू.] [१९] असोगतरुपायवस्स [उत्त./अ.२३] धायइपायवस्स अहे [पार्श्वचरित्रे-कल्पसूत्रे] भाषाविषये। सम्बुद्धक्षामणाविषये ! श्रेणिकपुत्रविषये। २०१ २०२ २०२ पार्श्वप्रभुकेवलज्ञानविषये। २०२
SR No.009628
Book TitleVicharratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKirtivijay, Chandanbalashree
PublisherBhadrankar Prakashan
Publication Year2010
Total Pages452
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy