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________________ पहली निस्सीहि पहली निसीहि बोलते समय की विधि मंदिर के मुख्य द्वार में प्रवेश करते समय तीन बार निसीहि बोलना चाहिए । (निसीहि निषेध,मनाई) इस निसीहि में मंदिर में प्रवेश करते समय आधा झुककर दोनों हाथों को जोड़कर सम्मान का भाव है प्रगट करना चाहिए। 'पहली निसीहि' बोलने से संसार की सभी प्रकार की वस्तुओं का मन-वचन-काया से त्याग किया जाता है। मंदिर सम्बन्धी किसी भी प्रकार के सूचन तथा स्वयं सफाई आदि कार्य करने की छूट होती है। • अधिकृत व्यक्ति आज्ञा करे तो वह उचित कहलाता है। आराधकवर्ग अत्यन्त कोमलता पूर्वक निर्देश करें। मंदिर की शुद्धि-रक्षण-पोषण-पालन का कार्य स्वयं करने से अनन्त गुना लाभ मिलता है। (29) वश करते समय गमंडप में
SR No.009609
Book TitleSachitra Jina Pooja Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
PublisherMokshpath Prakashan Ahmedabad
Publication Year
Total Pages123
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Vidhi
File Size2 MB
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