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________________ सर्व दुःखों से मुक्ति ३३ ३४ सर्व दुःखों से मुक्ति प्रश्नकर्ता : जिसकी जरूरत है, वह चीज क्यों नहीं मिलती? दादाश्री : आप अगर normality में रहो तो जो चीज आपको जरूर है वो चीज घंटे, दो घंटे, तीन घंटे में आप जिधर बैठे है, वहाँ हाजिर हो जायेगी। भगवान अंदर बैठे है। मगर मनुष्य normality में नहीं रहता। लोग लोभ करने को गये, above normal लोभ करने को गये, उसको भगवान क्या कहते है, 'अब हमारी शक्ति तुमको नहीं मिलेगी। अब आपकी शक्ति से जाओ, खुद की जिम्मेदारी पर जाओ। हम आपको light देंगे।' light के बिना चलता ही नहीं न?! भगवान light देने को तैयार है मगर जिम्मेदारी नहीं लेते। वो तो खुद की शक्ति से जाओ। भगवान को आप प्रार्थना करेंगे कि हे भगवान! हमको हेल्प करो, तो भगवान आपको जरूरी हेल्प करता है। वो प्रकाश ही देने का काम करते है, दूसरा कुछ नहीं। मनुष्य चिंता मुक्त हो सकता है? दादाश्री : कभी worries होता है क्या? प्रश्नकर्ता : होता है। दादाश्री : अगर नींद चली ना जाये, नींद permanent हो जाये तो आपकी क्या स्थिति हो जाती है? प्रश्नकर्ता : तो दूसरे लोग उसको dead कहेंगे। दादाश्री : सोते समय कभी चिंता होती है कि सबेरे नहीं उठ सका तो मैं क्या करूँगा? प्रश्नकर्ता : नहीं, उसकी चिंता तो नहीं रहती। दादाश्री : अगर इतनी चिंता हो जाये तो कल्याण हो जाये। प्रश्नकर्ता : परमात्मा के साक्षात्कार के लिए क्या विधि है? दादाश्री : क्या नाम है आपका? प्रश्नकर्ता: रविन्द्र। दादाश्री : वो आप really speaking रविन्द्र है? सचमुच आप कौन है? रविन्द्र तो आपका नाम है, पहचान करने के लिए। आप खुद कौन है? प्रश्नकर्ता : वो तो जैसे सब आत्मा है, वैसे मैं भी एक आत्मा दादाश्री : तो क्या medicine ली आपने? प्रश्नकर्ता : worries की तो medicine ही नहीं है। दादाश्री : मगर mental worries तो वो Doctor को भी रहती है न? सबको ही mental worries रहती है। हमको mental worries कभी नहीं होती है। आपको worries निकालने की है? कभी worries न हो ऐसा करने का है? दादाश्री : हाँ, ये आत्मा की पहचान होनी चाहिये। आत्मा की पहचान हो गयी फिर रविन्द्र temporary adjustment है। वो पहचान हम करा देते है। फिर परमात्मा का साक्षात्कार हो जाता है। फिर कभी चिंता-worries कुछ नहीं होता है और एक-दो अवतार (जन्म) के बाद मोक्ष में चला जाता है। ये दफे बोम्बे में जन्म लिया है, तो उसके पहले किधर जन्म लिया था? मालूम नहीं? और अगले जन्म में किधर जन्म लोगे वो भी मालूम नहीं। और अभी किधर जाने का वो भी मालूम नहीं। ऐसा कैसे चलेगा? आप रात को नींद में किधर चले जाते हो? प्रश्नकर्ता : वह नहीं मालूम।
SR No.009601
Book TitleSarva Dukho Se Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Foundation
Publication Year2003
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size94 KB
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