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________________ कुन्दकुन्द-भारती तं जाण जोगउदअं, जो जीवाणं तु चिट्ठउच्छाहो । सोहणमसोहणं वा, कायव्वो विरदिभावो वा । । १३४ । । एदेसु हेदुभूदेसु, कम्मइयवग्गणागयं जं तु । परिणमदे अट्ठविहं, णाणावरणादिभावेहिं । । १३५ ।। तं खलु जीवणिबद्धं, कम्मइयवग्गणागयं जइया । तइया दु होदि हेदू, जीवो परिणामभावाणं ।। १३६ ।। -- जीवोंके जो अतत्त्वोपलब्धि - तत्त्वोंका मिथ्या जानना है वह अज्ञानका उदय है और जीवके जो तत्त्वका अश्रद्धानपना है वह मिथ्यात्वका उदय है। जीवोंके जो विरतिका अभाव है -- अत्यागभाव है वह असंयमका उदय है। जीवोंके जो मलिन उपयोग है वह कषायका उदय है और जीवोंके जो शुभ अशुभ कार्यरूप अथवा उनकी निवृत्तिरूप चेष्टाका उत्साह है उसे योगका उदय जानो । हेतुभूत इन प्रत्ययोंके रहनेपर कार्मण वर्गणारूपसे आया हुआ जो द्रव्य है वह ज्ञानावरणादि भावोंसे आठ प्रकार परिणमन करता है। कार्मण वर्गणामें आया हुआ द्रव्य जिस समय निश्चयसे जीवके साथ बँधता होता है उस समय उन अज्ञानादि भावोंका कारण जीव होता है ।। १३२-१३६ ।। -- आगे कहते हैं कि जीवका परिणाम पुद्गल द्रव्यसे जुदा है. जीवसदु कम्मेण य, सह परिणामा हु होंति रागादी । एवं जीवो कम्मं च दो वि रागादिमावण्णा । । १३७ ।। एकस्स दु परिणामा, जायदि जीवस्स रागमादीहिं । ७२ ता कम्मोदयहेदूहिं, विणा जीवस्स परिणामो । । १३८ । । यदि ऐसा माना जाय कि जीवके जो रागादि परिणाम हैं वे कर्मके साथ होते हैं तो ऐसा मानने से तथा कर्म दोनों ही रागादि भावको प्राप्त हो जायेंगे और ऐसा होनेपर पुद्गलमें भी चेतनपना प्राप्त हो जायेगा जो कि प्रत्यक्ष विरुद्ध है । यदि इस दोषसे बचनेके लिए ऐसा माना जाय कि रागादि परिणाम एक जीवके होते हैं तो कर्मोदयरूप हेतुके बिना जीवके परिणाम हो जायेंगे और उस दशामें मुक्त जीवके भी उनका सद्भाव अनिवार्य हो जायेगा। इन गाथाओंका द्वितीय व्याख्यान इस प्रकार है -- यदि ऐसा माना जाय कि जीवके रागादि परिणाम कर्मोंके साथ ही होते हैं तो ऐसा मानने से जीव तथा कर्म दोनों ही रागादिभावको प्राप्त होते हैं। इसलिए यह सिद्ध हुआ कि रागादिरूप परिणाम एक जीवके ही उत्पन्न होता है। वह कर्मका उदयरूप निमित्त कारणसे पृथक् एक जीवका ही परिणाम है । । १३७ - १३८ ।।
SR No.009561
Book TitleSamaya Sara
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages79
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
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