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________________ पञ्चम अधिकार ६१ पार्श्वनाथकी सौ वर्ष और श्री वर्द्धमानकी ७२ वर्षकी आयु थी। श्री ऋषभदेव के मोक्ष जानेके पश्चात् पचास लाख करोड़ सागर व्यतीत होने पर श्री अजित नाथ उत्पन्न हुए थे । उनके मोक्षके पश्चात् तीस लाख करोड़ सागर बीत जाने पर श्री शंभव नाथ उत्पन्न हुए थे । इनके मोक्षके बाद दश लाख करोड़ सागर बीतने पर अभिनन्दन नाथ हुए । इनके मोक्ष जानेके पश्चात् नत्र लाख करोड़ सागर व्यतीत होने पर श्री सुमतिनाथ उत्पन्न हुए थे । इनकी सिद्धिके नन्त्रे हजार करोड सागर प्रतीत होनेके बाद पद्मप्रभ उत्पन्न हुए थे । इनके मोक्ष के नौ हजार करोड सागर बीतने पर श्री सुपार्श्व नाथ हुए थे । इनके पश्चात् नव सौ करोड़ सागर बीतने पर श्री चन्द्रप्रभ हुए पुनः न करोड़ सागर व्यतीत होने पर श्री पुष्पदंत हुए थे । इसी प्रकार नौ करोड़ सागर बीत जाने पर श्री शीतल नाथ उत्पन्न हुए थे । इनके मोक्षके बाद सौ सागर छ्यासठ लाख छबीस हजार वर्ष कम एक करोड़ सागर बीत जाने पर श्री श्रेयांस नाथकी उत्पत्ति हुई थी। इनके बाद चौशर सागर बीत जाने पर श्री विमल नाथ हुए थे । इनके बाद नौ सागर व्यतीत होने पर श्री अनन्त नाथ हुए थे । श्री अनन्त नाथके मोक्ष जानेके बाद चार सागर बीत जानेके बाद श्री धर्मनाथ हुए थे । इनके पश्चात् पौन पल्य कम तीन सागर व्यतीत होने पर श्री शांतिनाथ हुए थे । इनके पश्चात् आधा पल्य बीतने पर श्री कुंथुनाथ हुए थे । इनके पश्चात् एक हजार करोड़ वर्ष कम चौथाई पल्य व्यतीत होने पर श्री अरनाथ हुए थे | 1 AAAAAAAA
SR No.009550
Book TitleGautam Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchandra Mandalacharya
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year1939
Total Pages115
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size3 MB
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