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________________ कर्मपथ . यह राजनैतिक तथा सामाजिक उपन्यास है । प्रथमवार छप कर हाथों हाथ विक गया था, इससे इसकी उत्तमताके विषयमें कुछ लिखना निरर्थक हैं, बंगला भाषाका अनुवाद है । मू० २) वीरपूजा यह नाटक तीसरी वार छप कर तैयार हुआ है, स्टेजपर खेलनेके लिये अत्यन्त सुन्दर है। अनुवादक पं० रूपनारायणजी पाण्डेय विशुद्ध और सरल भापा लिखनेमें सुप्रसिद्ध हैं। मू० १॥) महाराज श्रेणिक यही महाराज श्रेणिक भविष्यमें होने वाले तीर्थकर होंगे, उनका पवित्र और पुन्योदय करनेवाला महत्वपूर्ण जीवन चरित्र कौन पढ़ना नहीं चाहेगा वही छप कर तैयार हो गया, इसकी सरल भाषा और छपाई सफाई देखकर आपका मन प्रसन्न हो जायगा, पृष्ठ संख्या ३५० होनेपर भी करीब १ दर्जन भाव पूर्ण चित्र अच्छे कलाकारोंसे बनवाकर सुन्दर छापकर ग्रन्थको सर्व प्रिय बनानेमें प्रकाशकने कुछ भी कसर नहीं रखी है। तिस पर भी मूल्य सादे ग्रन्थका १m) वोर्डवाइडिङ्ग २) और रेशमी जि-.. ल्दका २||) रखा है। ' ' जापान वृटेनकी छातीपर इस राजनैतिक पुस्तकको पढ़कर आपको जापानकी पूरी ताकतका पता सहजमें लग सकता है। सरल हिन्दी में लिखी गई है। अभी तक अंग्रेजी वाले ही इसका आनन्द लेते थे, हमने हिन्दी में लिखाकर यह पुस्तक नवीनही प्रकाशित की है। अगर आप,व्यापारी हैं तो जरूर ही पढे । न्यो ११)
SR No.009550
Book TitleGautam Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchandra Mandalacharya
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year1939
Total Pages115
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size3 MB
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