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________________ रचतुर्थम् ।। भाषाटीकासमेतः। उद्दन्तुरः स्यादुत्तुङ्गे करालोत्कटदन्तयोः । उपकारो मतः कीर्णकुसुमायुधकृत्ययोः ॥ ५२४ ॥ उपह्वरं समीपे स्याद्रहोमात्रेऽप्युपह्वरम् । औदुम्बरः श्राद्धदेवे रोगभेदे नपुंसकम् ।। २५५ ।। कटम्भरा प्रसारिण्यां रोहिणीकरियोषितोः। कलम्बिकायां गोलायां वर्षाभूमूर्वयोरपि ॥ २५६ ॥ करवीरोऽश्वमारे स्यादैत्यभेदकृपाणयोः । सपुत्रादेवसूश्रेष्ठगवीषु करवीर्यपि ॥ २५७ ॥ मल्लिकाप्रतिहार्योस्तु करवीरी कचिन्मता । कर्णिकारो मतः पुंसि शम्याके च द्रुमोत्पले ॥ २५८ ।। कर्णपूरं कुवलयेऽप्यवतंसशिरीषयोः । त्रिषु कर्मकरो भृत्ये भृतिजीविनि कर्षके ॥ २५९ ।। उद्दन्तुर-ऊँचा, भयंकर, भयंकर | करवीरी-पुत्रवाली स्त्री, देवमाता दाँतोंवाला (त्रि.) (अदिति), श्रेष्ठ गौ, ॥ २५७ ।। उपकार-बिखराहुवा पुष्पआदि, मल्लिका (मोतियाभेद ), द्वारपा हथियारसे कृत्य (पुं० ) ॥२५४॥ लिनी (स्त्री०) उपह्वर-समीप, एकान्तमात्र (न०)। कर्णिकार-अमलतास, छोटा संदल, औदुंबर-धर्मराज (पुं० ) रोग- (पुं० ) ॥ २५८ ॥ भेद, ( न०)॥ २५५ ॥ कटंभरा-पसरन, कुटकी, हथिनी | कर्णपूर-कमल, कर्णआभूषण या शिर कलबी-शाक, मनसिल, साँठी, आभूषण, सिरस-वृक्ष (न०) मरोरफली, (स्त्री० ) ॥ २५६ ॥ कर्मकर-नौकर, नौकरीकी आजीविकरवीर-कनेर, दैत्यभेद, तलवार कावाला, किसान (खेतीकरनेवाला) (पुं०) | (त्रि.)॥ २५९ ॥ "Aho Shrutgyanam"
SR No.009534
Book TitleVishwalochana Kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Sharma
PublisherBalkrishna Ramchandra Gahenakr
Publication Year1912
Total Pages436
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size9 MB
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